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    जयंती पर याद किये गए काकोरी के नायक शहीद पं० रामप्रसाद बिस्मिल ।

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    बड़हलगंज । भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के चर्चित काकोरी 'ट्रेन डकैती' कांड के नायक अमर शहीद पं० रामप्रसाद बिस्मिल की जयंती पर मंगलवार को चंद्रदेव सेवा संस्थान के सदस्यों ने संगोष्ठी आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

       कार्यक्रम को  संबोधित करते हुए हियुवा भारत के राष्ट्रीय संयोजक प्रेमशंकर मिश्र ने कहा कि भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में प० रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का बेजोड़ उदाहरण प्रस्तुत करती है। आजादी के लिए संपूर्ण समर्पित इन्ही अमर शहीदों ने इस मुल्क में सामाजिक सदभाव की मिसाल भी पेश की थी। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई मात्र भू -भाग को स्वतंत्र कराने की ही लड़ाई नहीं थी ! बल्कि भारत की संस्कृति, सभ्यता, परंपरा एवं सर्वधर्म समभाव की भावना को सुरक्षित रखने के साथ ही अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता के लिये लड़ी गई थी। अपनी आज़ादी को सुरक्षित रखने के लिए सभी को संकल्पित एवं संगठित होंना पडेगा। शिक्षाविद ओम प्रकाश मिश्र व डॉ० उदयभान प्रजापति ने कहा कि 1922 में जब चौरीचौरा कांड के बाद गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस लेने का फैसला किया तो कई युवाओं को उनके इस कदम से निराशा हुई. उन युवाओं में रामप्रसाद बिस्मिल भी थे, गांधी जी से मोहभंग होने के बाद ये युवा क्रांतिकारी पार्टी में शामिल हो गए, क्योंकि इनका मानना था कि मांगने से स्वतंत्रता मिलने वाली नहीं है, इसके लिए हमें लड़ना होगा। संस्था के सचिव भारतीय सर्वेष कुमार मिश्र, संतोष यादव, बबलू यादव, अखिलेश मिश्र, रामप्रकाश मिश्र व नितेश तिवारी ने कहा कि अमर शहीदों ने देश की आजादी के लिये अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण हम सभी के लिए अनुकरणीय है। संचालन त्रिभुवन यादव ने किया । 

     इस अवसर पर रुद्रेश मिश्र, गंगेश शुक्ला, अमय तिवारी, सत्येंद्र प्रजापति, अमन यादव , छोटू यादव, अभिषेक मिश्र, अजीत यादव, अनूप यादव, राहुल सिंह, रामकृष्ण मिश्र आदि उपस्थित रहे  ।

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