पूरी तरह से कटान की जद में ‘शाही मस्जिद
पूरी तरह से कटान की जद में ‘शाही मस्जिद
घाघरा का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे नगरवासियों की धडकनें बढ़ती जाती है। इधर नदी पिछले वर्ष आयी बाढ़ में रामघाट पर बैक रोलिंग कर इतनी गहरी हो गयी कि जहां कभी तीन चार सौ मीटर चौड़ा व एक किलोमीटर लम्बा रेत पड़ता था वह आज करीब खत्म होने के कगार पर है। जिससे शाही मस्जिद पर कटान का खतरा मण्डरा रहा है। वहीं रामघाट का रेता काटते हुए नदी कस्बे की ओर बढ़ती आ रही है। जिसे देख नगरवासियों ने रामजानकी घाट से लेकर रामघाट तक कटान रोकने के लिए बोल्डर की पीचिग करने की मांग की है।
शाही मस्जिद के पास जब नदी का दबाव बढ़ने लगा तो सिंचाई विभाग ने वहां ठोकर का निर्माण करा कटान रोकने की कोशिश की। जिससे शाही मस्जिद पर कटान न हो लेकिन सिंचाई विभाग का प्रयास असफल साबित हो गया। एक शाही मस्जिद को बचाने के चक्कर में पूरा रामघाट का रेता ही ख़त्म हो गया तथा नदी की इतनी गहराई हो गयी कि इस घाट पर अगर नहाते समय आप सावधानी नहीं बरते तो निश्चित ही जान को खतरा हो जायेगा। नगर के चिकित्सक डा.समसुज्जुहा ने कहा कि जब तक पीचीकरण नहीं होगा तब तक शाही मस्जिद पर कटान का खतरा मंडराता रहेगा। उन्होंने कहा कि नगर के ऐतिहासिक धरोहरों में एक शाही मस्जिद को बचाने के लिए सिंचाई विभाग को रामजानकी घाट से लेकर रामघाट तक कटान रोकने के लिए बोल्डर की पीचिग कराने की मांग की। छोटी मस्जिद के इमाम इश्तियाक अहमद ने कहा कि गंगा जमुनी की तहजीब पर बसे दोहरीघाट में अब धरोहरों पर कटान का खतरा मण्डरा रहा है। जबकि मुक्तीधाम गौरीशंकर घाट से लेकर खाकी बाबा की कुटी तक दर्जनों मन्दिर धर्मशाला कटान की भेंट चढ़ गये। नगर पूरी तरह से चौपट हो गया। अब शाही मस्जिद पर कटान का खतरा मण्डरा रहा है, जिसे हर हाल में सिंचाई विभाग को पहल कर कटान से निजात दिलाने की मांग की है। रिजवान अहमद ने कहा कि नगर का दुर्भाग्य है कि हम सक्षम जनप्रतिनिधि का चुनाव नहीं कर पाते जो हमारे नगर के खोये गौरव को लौटा सके। यही चूक नगर के विकास में बाधा बन रही है। वहीं घाघरा का कहर तो नगर की कमर पहले ही तोड़ चुका है, अब जो बचा है उसे बचाने के लिए सिंचाई विभाग को खाकी बाबा की कुटी से देकर रामघाट तक पक्के घाट का निर्माण करना चाहिए, जिससे कटान से हमेशा हमेशा के लिए निजात मिल सके।
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