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    पुलवामा हमला: शहीद होने के बाद जवान के गांव में दिखा 'विकास

    पुलवामा हमला: शहीद होने के बाद जवान के गांव में दिखा 'विकास', सुधरने लगीं जर्जर स्कूल और सड़कें


    पुलवामा आतंकी हमले में जवान पंकज कुमार त्रिपाठी के शहीद होने के बाद यूपी के महाराजगंज जिले में स्थित उनके गांव में काफी लंबे समय से लंबित पड़े विकास कार्य दोबारा से शुरू हो गए हैं. 30 वर्षीय सीआरपीएफ जवान का गांव भारत-नेपाल सीमा के नजदीक है. गांव की प्राथमिक स्कूल जो काफी लंबे समय से जर्जर हालत में थी, उसके नवीकरण के लिए गांववालों ने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई थी, लेकिन हमेशा नजरअंदाज कर दिया जाता था. अब उसका नवीकरण किया जा रहा है. स्कूल का नाम भी शहीद के नाम पर रख दिया गया. पंकज कुमार त्रिपाठी के घर तक जाने वाले धूल से भरे रास्ते को दोबारा बनाया जा रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ के शहीद के परिवार से मिलने के बाद यह कदम उठाए गए हैं. उन्होंने इस दौरान कुछ सुविधाएं मुहैया करवाने का वादा किया था. 
    शहीद पंकज घर पर दो महीने और 17 दिनों की छुट्टी काटने के बाद 10 फरवरी को गए थे. वह और उनकी पत्नी रोहिणी उनके आने वाले दूसरे बच्चे को लेकर काफी उत्साहित थे. जवान के परिवार ने एनडीटीवी को बताया कि उन्होंने वादा किया था कि बच्चा पैदा होने पर वह विशेष तौर पर छुट्टी लेकर आएंगे और गांव में एक बड़े भोज का आयोजन करेंगे. 
    पंकज कुमार त्रिपाठी ने आखिरी बार अपनी माता सुशीला देवी और पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी से 14 फरवरी की सुबह फोन पर बात की थी. उन्होंने बताया था कि वह श्रीनगर जा रहे हैं और दोपहर तक पहुंच जाएंगे. इसके बाद रेडियो पर उनके परिजनों ने पुलवामा हमले के बारे में सुना तो उन्होंने उनके मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया.
    शहीद के पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया, 'मुझे बताया गया कि उनका केवल लाइसेंस और पैन कार्ड मिला है.' वहीं उनकी मां सुशीला देवी ने बताया, 'मैं नहीं चाहती थीं कि वह सीआरपीएफ में जाएं. मैं चाहती थी कि वह पैसा कमाएं, लेकिन हर शाम वापस घर लौट आएं.'

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