जिले में गहराया बिजली का संकट
जिले में गहराया बिजली का संकट
कुशीनगर/कसया। एक सप्ताह से जिले में बिजली का संकट गहरा गया है। अघोषित बिजली कटौती से शहर के लोगों को पीने के पानी के भी लाले पड़ गए हैं। लोड बढ़ने के चलते ट्रांसफॉर्मर फूंक रहे हैं। नगर से ग्रामीण क्षेत्र में बिजली के लिए हाहाकार मचा है। लोगों में रोष है।। प्रदर्शन के साथ बिजलीकर्मियों से नोकझोंक और मारपीट तक की नौबत उत्पन्न हो रही है।
नगर और ग्रामीण इलाके में बिजली की आपूर्ति चार डिविजनों के जरिए की जाती है। पडरौना, सेवहरी, कसया और हाटा डिविजन है। कसया डिविजन की महीने की डिमांड 42 मिलियन यूनिट कहै, लेकिन आपूर्ति 19 मिलियन यूनिट ही हो पा रही है। डिमांड और आपूर्ति में काफी अंतर से बिजली आपूर्ति शेड्यूल के मुताबिक यानी नगर में 24 की जगह सिर्फ 12 से 13 घंटे हो रही है। ग्रामीण इलाके में शेड्यूल के मुताबिक 18 की जगह सात से आठ घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है। एसडीओ कसया अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि कमोबेश यही स्थिति जिले के अन्य पडरौना, सेवरही और हाटा का भी है। हाटा डिविजन की डिमांड सबसे अधिक है। दूसरे पायदान पर पडरौना, तीसरे पर कसया और चौथे पर सेवरही डिविजन है। कसया डिविजन में नगर और देहात इलाके का मिलाकर करीब 90 हजार उपभोक्ता हैं।
फुंके ट्रासफॉर्मर की वेटिंग बढ़ी
नगर और ग्रामीण इलाके में बिजली की आपूर्ति चार डिविजनों के जरिए की जाती है। पडरौना, सेवहरी, कसया और हाटा डिविजन है। कसया डिविजन की महीने की डिमांड 42 मिलियन यूनिट कहै, लेकिन आपूर्ति 19 मिलियन यूनिट ही हो पा रही है। डिमांड और आपूर्ति में काफी अंतर से बिजली आपूर्ति शेड्यूल के मुताबिक यानी नगर में 24 की जगह सिर्फ 12 से 13 घंटे हो रही है। ग्रामीण इलाके में शेड्यूल के मुताबिक 18 की जगह सात से आठ घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है। एसडीओ कसया अवनीश श्रीवास्तव ने बताया कि कमोबेश यही स्थिति जिले के अन्य पडरौना, सेवरही और हाटा का भी है। हाटा डिविजन की डिमांड सबसे अधिक है। दूसरे पायदान पर पडरौना, तीसरे पर कसया और चौथे पर सेवरही डिविजन है। कसया डिविजन में नगर और देहात इलाके का मिलाकर करीब 90 हजार उपभोक्ता हैं।
फुंके ट्रासफॉर्मर की वेटिंग बढ़ी
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