ब्रिटिश मीडिया को फिक्र, सेमी में फिर भारतीय दर्शक ही ज्यादा होंगे; 86 हजार रुपए में मिल रहा टिकट
ब्रिटिश मीडिया को फिक्र, सेमी में फिर भारतीय दर्शक ही ज्यादा होंगे; 86 हजार रुपए में मिल रहा टिकट
विश्व कप क्रिकेट 2019 का पहला सेमीफाइनल 9 और दूसरा 11 जुलाई को खेला जाएगा। संभावना है कि टीम इंडिया के खिलाफ मेजबान इंग्लैंड होगा। हालांकि, आखिरी तस्वीर शनिवार देर रात ही साफ हो पाएगी। भारत-इंग्लैंड के बीच संभावित सेमीफाइनल को लेकर ब्रिटिश मीडिया का एक वर्ग चिंतित है। उसका कहना है कि 30 जून को हुए दोनों देशों के मुकाबले में करीब 60 फीसदी दर्शक भारतीय थे। सेमीफाइनल में भी ऐसा ही हो सकता है और इससे मेजबान टीम को ये अहसास होगा कि किसी दूसरे देश में खेल रही हो। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ री-सेल वेबसाइट्स पर सेमीफाइनल के टिकट 86 हजार रुपए तक में बिक रहे हैं।
कुछ गलत नहीं: आईसीसी
ब्रिटिश अखबार ‘द डेली मेल’ ने ज्यादातर टिकट भारतीय दर्शकों द्वारा खरीदे जाने को लेकर आईसीसी से संपर्क किया था। अखबार का कहना है कि टिकट बिक्री का तरीका सही नहीं है। मेजबान टीम के फैन्स को ही टिकट नहीं मिल रहे हैं। इस आपत्ति को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने ये कहते हुए खारिज कर दिया कि टिकट विक्रय की पूरी प्रकिया संबंधित देशों के क्रिकेट बोर्ड से चर्चा के बाद ही तय की गई थी। आईसीसी के वर्ल्ड कप चीफ और साउथ अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर स्टीव एलबर्दी ने कहा- खुशी की बात ये है कि हर मैच में स्टेडियम पूरी तरह भरे हुए हैं और यह खुशी की बात है।
ब्रिटिश अखबार ‘द डेली मेल’ ने ज्यादातर टिकट भारतीय दर्शकों द्वारा खरीदे जाने को लेकर आईसीसी से संपर्क किया था। अखबार का कहना है कि टिकट बिक्री का तरीका सही नहीं है। मेजबान टीम के फैन्स को ही टिकट नहीं मिल रहे हैं। इस आपत्ति को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने ये कहते हुए खारिज कर दिया कि टिकट विक्रय की पूरी प्रकिया संबंधित देशों के क्रिकेट बोर्ड से चर्चा के बाद ही तय की गई थी। आईसीसी के वर्ल्ड कप चीफ और साउथ अफ्रीका के पूर्व ऑलराउंडर स्टीव एलबर्दी ने कहा- खुशी की बात ये है कि हर मैच में स्टेडियम पूरी तरह भरे हुए हैं और यह खुशी की बात है।
पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं
स्टीव ने कहा, “यह मुश्किल काम है। मैं सिर्फ ये कह सकता हूं कि टिकट विक्रय का तरीका पूरी तरह साफ-सुथरा और पारदर्शी है। हमने किसी किसी देश को अलग से कोई विशेष सुविधा नहीं दी है। दक्षिण एशियाई दर्शकों की संख्याद निश्चित तौर पर ज्यादा है। इस बारे में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से पहले ही चर्चा हो चुकी है। टिकटों की री-सेल करने वाली वेबसाइट्स पर हमारी नजर है। अगर हम किसी एक टीम को तवज्जो देते तो फिर ये सभी के लिए करना पड़ता। हमने हर काम कानूनी दायरे में रहकर किया है। हर टिकट को बेचने से पहले दर्शक का आईडेंटिटी कार्ड देखना संभव नहीं है।”
स्टीव ने कहा, “यह मुश्किल काम है। मैं सिर्फ ये कह सकता हूं कि टिकट विक्रय का तरीका पूरी तरह साफ-सुथरा और पारदर्शी है। हमने किसी किसी देश को अलग से कोई विशेष सुविधा नहीं दी है। दक्षिण एशियाई दर्शकों की संख्याद निश्चित तौर पर ज्यादा है। इस बारे में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से पहले ही चर्चा हो चुकी है। टिकटों की री-सेल करने वाली वेबसाइट्स पर हमारी नजर है। अगर हम किसी एक टीम को तवज्जो देते तो फिर ये सभी के लिए करना पड़ता। हमने हर काम कानूनी दायरे में रहकर किया है। हर टिकट को बेचने से पहले दर्शक का आईडेंटिटी कार्ड देखना संभव नहीं है।”
बार्मी आर्मी को सिर्फ 10 टिकट
इंग्लैंड के समर्थकों के दल को ‘बार्मी आर्मी’ कहा जाता है। दुनिया में जहां भी इंग्लैंड टीम खेलती है, ये दल विशेष रूप से अपनी टीम का समर्थन करने के लिए वहां पहुंचता है। रिपोर्ट के मुताबिक, सेमीफाइनल के लिए इस दल को सिर्फ 10 टिकट ही मिल पाए हैं। अब इनका प्लान ये है कि ये स्टेडियम के नजदीक एक कॉन्फ्रेंस सेंटर में एकत्र होकर टीवी पर ही मैच देखेंगे।
इंग्लैंड के समर्थकों के दल को ‘बार्मी आर्मी’ कहा जाता है। दुनिया में जहां भी इंग्लैंड टीम खेलती है, ये दल विशेष रूप से अपनी टीम का समर्थन करने के लिए वहां पहुंचता है। रिपोर्ट के मुताबिक, सेमीफाइनल के लिए इस दल को सिर्फ 10 टिकट ही मिल पाए हैं। अब इनका प्लान ये है कि ये स्टेडियम के नजदीक एक कॉन्फ्रेंस सेंटर में एकत्र होकर टीवी पर ही मैच देखेंगे।
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