मैलवेयर अटैक यस मस के जरिए एंड्रॉयड यूजर्स पर, मांगी जा रही है फिरौती
मैलवेयर अटैक यस मस के जरिए एंड्रॉयड यूजर्स पर, मांगी जा रही है फिरौती
जो एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स को टार्गेट कर सकता है. ये यस मस के जरिए फैलता है.
साइबर सिक्योरिटी फर्म यस्ट ने कहा है कि नाम का ये मैलवेयर 12 जुलाई 2019 से ऐक्टिव हुआ है. इसे रेडिट जैसे फोरम
के जरिए फैलाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक यस्ट ने ऐसे पोस्ट और कॉमेन्ट ढूंढे हैं
जिसके तहत हैकर्स टार्गेट यूजर्स को पोर्नोग्राफिक मेटेरियल के जरिए अपने
स्मार्टफोन में मैलवेयर डाउनलोड कराया जाता है.
एक बार एंड्रॉयड स्मार्टफोन में इंस्टॉल होने के बाद ये यूजर के
कॉन्टैक्ट लिस्ट के जरिए सभी को टेक्स्ट मैसेज सेंड करता है.Android/ नाम का ये रैंसमवेयर एडल्ट कॉन्टेंट का सहारा लेता है. विक्टिम के
स्मार्टफोन से कॉन्टैक्ट लिस्ट ऐक्सेस करके सभी को ये मैसेज भेजता है. टेक्स्ट
भेजने के बाद यूजर्स के फोन को एन्क्रिप्ट करके लॉक कर देता है और इस तरह फोन यूज
करने लायक नहीं बचता है.
इसके बाद यूजर्स से अपने ही फोन ऐक्सेस करने के लिए रैंसम यानी
फिरौती की मांग की जाती है. ट्रांजैक्शन Bitcoin के जरिए किया जाता है. यूजर का ऐक्सेस ब्लॉक करने के बाद ये ऐप दावा करता है कि ये 72 घंटे में मोबाइल से
डिलीट कर देगा. की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक काफी जटिल
एन्क्रिप्शन मेथड को यूज करता है जिससे क्रैक करना मुश्किल है. रैंसमवेयर को डिलीट
करने से भी इसका समाधान नहीं हो सकता.थोड़ी सी
सावधानी बरत कर आप इस तरह के रैंसमवेयर से अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर को बचा
सकते हैं.
इस सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक फर्जी टेक्स्ट के नाम से आते हैं. अगर ध्यान से आप इन टेक्स्ट को
देखेंगे तो ये अलग तरीके के लगते हैं. किसी भी ऐसे LK वाले
लिंक पर क्लिक न करें. इसके अलावा किसी भी अनजान लिंक को क्लिक करने से पहले सेंडर
से वेरिफाई कराना जरूरी है.
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