मुंबई पुलिस ले गई दो जालसाज को
मुंबई पुलिस ले गई दो जालसाज को
दो जालसाज दोस्तों को मुंबई पुलिस बुधवार को साथ लेकर गई। दोनों ने मुंबई के गल्ला व्यापारी के दो लाख रुपये और चेक लेकर फरार हुए थे। चेक से भी साढ़े चार लाख का भुगतान करा लिया था। दूसरी बार भुगतान के लिए भी बैंक पहुंचे थे तो पुलिस ने पकड़ लिया था। कोतवाली पुलिस की सूचना पर आई मुंबई पुलिस साथ लेकर गई।
आरोपियों की पहचान सिकरीगंज थाना क्षेत्र पुष्थरा गांव निवासी शिवाय चंद तिवारी और चिलुआताल के फुन्नीलाल के रूप में हुई है। शिवाय चंद एक मामले में 2016 में जेल भेजा गया था। वहां पहले से बंद आजीवन कारावास के आरोपी फुन्नीलाल से उसकी मुलाकात हो गई। दोनों की जेल में गहरी दोस्त हो गई। एक साल बाद शिवाय चंद जमानत पर छूटा और मुंबई चला गया। वहां उसे महाराष्ट्र के तालघर जिला के देवासा रोड पर ओम शांति नाम से दुकान चलाने वाले रमेश वालचंद जैन ने नौकरी दी। वह मालिक का वफादार बन गया। फुन्नीलाल भी कुछ दिन पहले छूटा तो उसने शिवाय से संपर्क साधा। शिवाय ने उसे भी मुंबई में बुलाकर सेठ के यहां नौकरी दिला दी। कुछ दिन पहले दोनों की नीयत डोली और वे दो लाख नकद रुपये और चेक लेकर भाग आए। गोरखपुर में शिवाय ने फुन्नीलाल के खाते में पांच लाख का चेक भरकर लगाया, पर वह बाउंस हो गया। उसने दोबारा साढे़ चार लाख का चेक लगाया, जिसका भुगतान हो गया। शिवाय ने साढ़े चार लाख रुपये में से एक लाख फुन्नीलाल को दे दिए, बाकी अपने रख लिए। इधर, पुलिस दोनों की तलाश में थी।
आरोपियों की पहचान सिकरीगंज थाना क्षेत्र पुष्थरा गांव निवासी शिवाय चंद तिवारी और चिलुआताल के फुन्नीलाल के रूप में हुई है। शिवाय चंद एक मामले में 2016 में जेल भेजा गया था। वहां पहले से बंद आजीवन कारावास के आरोपी फुन्नीलाल से उसकी मुलाकात हो गई। दोनों की जेल में गहरी दोस्त हो गई। एक साल बाद शिवाय चंद जमानत पर छूटा और मुंबई चला गया। वहां उसे महाराष्ट्र के तालघर जिला के देवासा रोड पर ओम शांति नाम से दुकान चलाने वाले रमेश वालचंद जैन ने नौकरी दी। वह मालिक का वफादार बन गया। फुन्नीलाल भी कुछ दिन पहले छूटा तो उसने शिवाय से संपर्क साधा। शिवाय ने उसे भी मुंबई में बुलाकर सेठ के यहां नौकरी दिला दी। कुछ दिन पहले दोनों की नीयत डोली और वे दो लाख नकद रुपये और चेक लेकर भाग आए। गोरखपुर में शिवाय ने फुन्नीलाल के खाते में पांच लाख का चेक भरकर लगाया, पर वह बाउंस हो गया। उसने दोबारा साढे़ चार लाख का चेक लगाया, जिसका भुगतान हो गया। शिवाय ने साढ़े चार लाख रुपये में से एक लाख फुन्नीलाल को दे दिए, बाकी अपने रख लिए। इधर, पुलिस दोनों की तलाश में थी।
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