सेंट पॉल्स स्कूल की मान्यता खत्म होगी
सेंट पॉल्स स्कूल की मान्यता खत्म होगी
आरटीई के तहत गरीबों के बच्चे का दाखिला नहीं लेने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू की कार्रवाई
गोरखपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत गरीबों के बच्चों का निशुल्क दाखिला लेने में हीलाहवाली करना शहर के बेतियाहाता स्थित सेंट पॉल्स स्कूल को महंगा पड़ेगा। बार-बार चेतावनी के बाद भी स्कूल प्रबंधन के अड़ियल रवैए से नाराज बेसिक शिक्षा विभाग ने अब स्कूल की मान्यता को खत्म करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही कार्रवाई को पूरा कर नोटिस विद्यालय भवन पर चस्पा किया जाएगा।
आरटीआई के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को अपने यहां 25 प्रतिशत गरीबों के बच्चों का निशुल्क प्रवेश लेना अनिवार्य किया गया है। इन बच्चों के प्रवेश का खर्च शासन की ओर से वहन किया जाता है। इनकी पूरी फीस शासन की ओर से स्कूल के प्रधानाचार्यों को मुहैया कराई जाती है। अप्रैल में आरटीआई के तहत दाखिले के लिए लॉटरी के माध्यम से स्कूल का आवंटन चयनित विद्यार्थियों को किया गया था। आवंटन आदेश लेकर जब अभिभावक सेंट पॉल्स स्कूल पहुंचे तो पहुंचे तो आरोप है कि वहां प्रबंधन ने उन्हें अल्पसंख्यक विद्यालय बताकर प्रवेश दिए बिना लौटा दिया। इसकी शिकायत अभिभावकों ने नगर शिक्षा अधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा से की। उन्हें इसे लेकर विद्यालयों को नोटिस जारी किया मगर विद्यालय प्रबंधन अपने फैसले से टस से मस नहीं हुआ। आजिज आकर बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता को रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बारे में स्कूल के प्रधानाचार्य से बात करने की कोशिश हुई, मगर बात नहीं हो सकी। उनका पक्ष मिलते ही उसे प्रकाशित किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत दाखिला देने में सेंट पॉल्स स्कूल प्रबंधन की ओर से आनाकानी की जा रही है। कई बार नोटिस देने के बाद भी उनके रवैए में कोई सुधार नहीं हुआ है। अब विभाग की ओर से मान्यता खत्म करने की कार्रवाई की जा रही है।
गोरखपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत गरीबों के बच्चों का निशुल्क दाखिला लेने में हीलाहवाली करना शहर के बेतियाहाता स्थित सेंट पॉल्स स्कूल को महंगा पड़ेगा। बार-बार चेतावनी के बाद भी स्कूल प्रबंधन के अड़ियल रवैए से नाराज बेसिक शिक्षा विभाग ने अब स्कूल की मान्यता को खत्म करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही कार्रवाई को पूरा कर नोटिस विद्यालय भवन पर चस्पा किया जाएगा।
आरटीआई के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को अपने यहां 25 प्रतिशत गरीबों के बच्चों का निशुल्क प्रवेश लेना अनिवार्य किया गया है। इन बच्चों के प्रवेश का खर्च शासन की ओर से वहन किया जाता है। इनकी पूरी फीस शासन की ओर से स्कूल के प्रधानाचार्यों को मुहैया कराई जाती है। अप्रैल में आरटीआई के तहत दाखिले के लिए लॉटरी के माध्यम से स्कूल का आवंटन चयनित विद्यार्थियों को किया गया था। आवंटन आदेश लेकर जब अभिभावक सेंट पॉल्स स्कूल पहुंचे तो पहुंचे तो आरोप है कि वहां प्रबंधन ने उन्हें अल्पसंख्यक विद्यालय बताकर प्रवेश दिए बिना लौटा दिया। इसकी शिकायत अभिभावकों ने नगर शिक्षा अधिकारी ब्रह्मचारी शर्मा से की। उन्हें इसे लेकर विद्यालयों को नोटिस जारी किया मगर विद्यालय प्रबंधन अपने फैसले से टस से मस नहीं हुआ। आजिज आकर बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता को रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बारे में स्कूल के प्रधानाचार्य से बात करने की कोशिश हुई, मगर बात नहीं हो सकी। उनका पक्ष मिलते ही उसे प्रकाशित किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत दाखिला देने में सेंट पॉल्स स्कूल प्रबंधन की ओर से आनाकानी की जा रही है। कई बार नोटिस देने के बाद भी उनके रवैए में कोई सुधार नहीं हुआ है। अब विभाग की ओर से मान्यता खत्म करने की कार्रवाई की जा रही है।
कोई टिप्पणी नहीं
thanks for comment...