एक गांव ऐसा भी जहां हर शख्स खुफिया कैमरे की नजर में
एक गांव ऐसा भी जहां हर शख्स खुफिया कैमरे की नजर में
शहरों में अपराध नियंत्रण के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद तो पुरानी है, मगर एक गांव में तकनीकी के इस्तेमाल से अपराध रोकने की परिकल्पना सच साबित हो रही है। कभी गांव की गलियों में बच्चियां शोहदों से सुरक्षित नहीं थीं, मगर प्रधान रेशमी देवी और बीडीसी दिनेश यादव ने पहल की तो गांव की तस्वीर बदल गई। गांव के 15 सार्वजनिक जगहों पर कैमरे लगाए गए। यकीन मानिए, इसका असर भी ऐसा आया है कि छह महीने (फरवरी 2019) से गांव में एक भी छेड़खानी की घटनाएं सामने नहीं आई हैं। गांव में खुशहाली तो है ही आज जिले में बढ़ी घटनाओं से पीड़ित लोगों के लिए यह एक नजीर भी है।
खोराबार के छितौना गांव में आए दिन हो रही छेड़खानी की घटनाएं से आजिज ग्राम प्रधान रेशमी देवी ने गांव की गलियों व सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का फैसला किया। फरवरी 2019 तक गांव में कुल 15 सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए। इसकी मानटिरिंग प्रधान, बीडीसी सदस्य खुद करते हैं। आंगनबाड़ी कार्यालय में मानीटर लगाया गया है। बीडीसी सदस्य दिनेश यादव के अनुसार पहले गांव में सप्ताह में छेड़खानी की एक-दो घटनाएं तो ही जाती थीं, लेकिन अब छेड़खानी तो दूर बाहरी लोग, मनचले ही नहीं पड़ोस के गांव के युवक भी बिना किसी काम के नजर नहीं आते।
चोरी की घटनाओं पर भी लगी लगाम
गांव में सीसीटीवी कैमरे लगने से चोरी की घटनाओं में भी कमी आई है। आम तौर पर महीने में चोरी की छोटी-बड़ी तीन-चार घटनाएं हो जाती थीं। गांव की गलियों में लगी दुधिया लाइट के चलते भी चोरी पर रोक लगी है। हर घर में बने शौचालयों के चलते भी छेड़खानी की घटनाओं में कमी आई। यही वजह है कि यह गांव अन्य गांवों के लिए नजीर बन गया है।
गांव में पहले छेड़खानी और चोरी की घटनाएं ज्यादा होती थीं। एक महिला होने के नाते मुझे भी ऐसी घटनाओं से पीड़ा होती थी। इसके बाद कुछ लोगों की सलाह पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कैमरे लगवाए गए। इससे बहुत राहत हो गई है।
खोराबार के छितौना गांव में आए दिन हो रही छेड़खानी की घटनाएं से आजिज ग्राम प्रधान रेशमी देवी ने गांव की गलियों व सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने का फैसला किया। फरवरी 2019 तक गांव में कुल 15 सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए गए। इसकी मानटिरिंग प्रधान, बीडीसी सदस्य खुद करते हैं। आंगनबाड़ी कार्यालय में मानीटर लगाया गया है। बीडीसी सदस्य दिनेश यादव के अनुसार पहले गांव में सप्ताह में छेड़खानी की एक-दो घटनाएं तो ही जाती थीं, लेकिन अब छेड़खानी तो दूर बाहरी लोग, मनचले ही नहीं पड़ोस के गांव के युवक भी बिना किसी काम के नजर नहीं आते।
चोरी की घटनाओं पर भी लगी लगाम
गांव में सीसीटीवी कैमरे लगने से चोरी की घटनाओं में भी कमी आई है। आम तौर पर महीने में चोरी की छोटी-बड़ी तीन-चार घटनाएं हो जाती थीं। गांव की गलियों में लगी दुधिया लाइट के चलते भी चोरी पर रोक लगी है। हर घर में बने शौचालयों के चलते भी छेड़खानी की घटनाओं में कमी आई। यही वजह है कि यह गांव अन्य गांवों के लिए नजीर बन गया है।
गांव में पहले छेड़खानी और चोरी की घटनाएं ज्यादा होती थीं। एक महिला होने के नाते मुझे भी ऐसी घटनाओं से पीड़ा होती थी। इसके बाद कुछ लोगों की सलाह पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कैमरे लगवाए गए। इससे बहुत राहत हो गई है।
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