पौधशाला जलमग्न, खराब हो रहे पौधे
बरहज। नदी में बाढ़ आ जाने से चारों ओर पानी हो गया है। जबकि रुक-रुक कर हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पानी के जमाव से महेन पौधशाला डूब गई है। इससे विभाग को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। पौधशाला में करीब 1.20 लाख विभिन्न प्रजाति के पौधे उगाए गए हैं।
वन विभाग की ओर से महेन में करीब 0.4 हेक्टेयर भूमि पर पौधशाला बनाई गई है। इसमें अमरूद, सागौन, सेमर, कंजी, गुटेर, सीरस आदि प्रजाति के पौधे उगाए गए हैं। पौधशाला बनाए जाने से लोगों में खुशी थी। इससे नगर और क्षेत्र में हरियाली लाने के साथ-साथ विभाग को अच्छा मुनाफा भी होता। पिछले डेढ़ माह से सरयू और राप्ती की उठापटक और बारिश से फसलें डूब गई हैं। जबकि पौधशाला के जलमग्न होने से सात से आठ लाख रुपये के पौधे बर्बाद हो रहे हैं। विभाग पंपिंग सेट आदि के जरिए पानी निकालने की कोशिश कर रहा है। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस संबंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी राणा प्रताप सिंह ने बताया कि जलनिकासी का प्रबंध कराया गया है। पौधों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
वन विभाग की ओर से महेन में करीब 0.4 हेक्टेयर भूमि पर पौधशाला बनाई गई है। इसमें अमरूद, सागौन, सेमर, कंजी, गुटेर, सीरस आदि प्रजाति के पौधे उगाए गए हैं। पौधशाला बनाए जाने से लोगों में खुशी थी। इससे नगर और क्षेत्र में हरियाली लाने के साथ-साथ विभाग को अच्छा मुनाफा भी होता। पिछले डेढ़ माह से सरयू और राप्ती की उठापटक और बारिश से फसलें डूब गई हैं। जबकि पौधशाला के जलमग्न होने से सात से आठ लाख रुपये के पौधे बर्बाद हो रहे हैं। विभाग पंपिंग सेट आदि के जरिए पानी निकालने की कोशिश कर रहा है। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस संबंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी राणा प्रताप सिंह ने बताया कि जलनिकासी का प्रबंध कराया गया है। पौधों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
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