Header Ads

ad728
  • Breaking News

    प्रयागराज में होगी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना, विधानसभा में पास हुआ विधेयक

    उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन ‘उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज विधेयक--2020’ को मंजूरी मिल गई। इससे प्रदेश में दूसरे राज्य विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही कर चुकी है।


    सरकार की ओर से प्रयागराज के झलवा क्षेत्र में 25 एकड़ जमीन पर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। लखनऊ के राममनोहर लोहिया विधि विवि जो 40 एकड़ में बना है, उसके बाद यह विवि सबसे बड़े परिसर में होगा। इस विवि की स्थापना नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बंगलुरु के तर्ज पर की जाएगी।


    विधि विवि खोलने से छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे विधि विवि खोले जाने से प्रयागराज एवं उसके आसपास के छात्रों के लिए कानून की पढ़ाई के रास्ते खुलेंगे। इसमें डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ न्यायिक व अन्य विधि सेवाएं, विधि निर्माण, विधि सुधार के क्षेत्र में छात्रों को शोध की सुविधा होगी। व्यावसायिक शिक्षा और न्यायिक पदाधिकारियों व अन्य व्यक्तियों को विधि क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी होगी।

    कानून के जानकार होंगे पदाधिकारी 
    सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होंगे, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। कुलाधिपति ही विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति करेंगे। 

    विश्वविद्यालय में महापरिषद, कार्य परिषद, शैक्षिक परिषद और वित्तीय समिति का गठन होगा। महापरिषद को विश्वविद्यालय के बारे में फैसला लेने का सर्वोच्च अधिकार होगा।उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन ‘उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रयागराज विधेयक--2020’ को मंजूरी मिल गई। इससे प्रदेश में दूसरे राज्य विधि विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान पहले ही कर चुकी है। सरकार की ओर से प्रयागराज के झलवा क्षेत्र में 25 एकड़ जमीन पर विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। लखनऊ के राममनोहर लोहिया विधि विवि जो 40 एकड़ में बना है, उसके बाद यह विवि सबसे बड़े परिसर में होगा। इस विवि की स्थापना नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बंगलुरु के तर्ज पर की जाएगी। विधि विवि खोलने से छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे विधि विवि खोले जाने से प्रयागराज एवं उसके आसपास के छात्रों के लिए कानून की पढ़ाई के रास्ते खुलेंगे। इसमें डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके साथ न्यायिक व अन्य विधि सेवाएं, विधि निर्माण, विधि सुधार के क्षेत्र में छात्रों को शोध की सुविधा होगी। व्यावसायिक शिक्षा और न्यायिक पदाधिकारियों व अन्य व्यक्तियों को विधि क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी होगी। कानून के जानकार होंगे पदाधिकारी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष होंगे, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होंगे। कुलाधिपति ही विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति करेंगे। विश्वविद्यालय में महापरिषद, कार्य परिषद, शैक्षिक परिषद और वित्तीय समिति का गठन होगा। महापरिषद को विश्वविद्यालय के बारे में फैसला लेने का सर्वोच्च अधिकार होगा।

    कोई टिप्पणी नहीं

    thanks for comment...

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728
    ad728