अपना सम्मान बचाने में लोग हैं परेशान,,ना किसी को चिंता ना किसी की परवाह इस कोरोना काल में हर वर्ग हर जगह से लोग है पैमाल
वायरस का काला साया, बढ़ी बेरोजगारी, पिछले 4 महीने में 1 करोड़ 79 लाख सैलरी क्लास के लोगो की नौकरी गयी,CMIE ने जारी किया डेटा,खेती क्षेत्र में थोड़ी प्रगति हुई 1 करोड़ 13 लाख लोग खेती से जुड़े, क्या मनरेगा में फावड़ा कुदाल चलाना नौकरी देना है, लोग जमा पूंजी खा रहे है,अर्थव्यवस्था में हो रही मंदी, बताया जाए कि 6 महीने से स्कूल नही चल रहा तो पूरी फीस कैसे ली जा रही है, बिजली का बिल पूरा, मकान दुकान का किराया पूरा, दिन भर चालान काटा जा रहा है जनता कहा से दे, पूरे देश मे एक शिक्षा होगी लेकिन फीस एक होगी अस्पताल की फीस एक होगी इस पर कोई नही बोलता, जिस सड़क पर चलने का हम टैक्स भरते हैं उस सड़क पर गिर कर के हमारा हाथ पांव टूट जाता है , इस पर कोई नहीं बोलता वही हमें शिक्षा दी जाती है , की हेलमेट लगाकर चलें नहीं तो चालान कट जाएगा और कटता है , लेकिन सरकार को यह नहीं दिखाई देता है की सड़के कितनी खराब हैं , आए दिन लोग गिरकर के मर रहे हैं अपाहिज हो रहे हैं यह कौन देखेगा लोगों के आए दिन कट रहे हैं चालान चौराहों पर लेकिन यह नहीं देखा जा रहा है की जिसका चालान कट रहा है वह व्यक्ति अपने परिवार के भरण पोषण कैसे कर रहा है इस महामारी के बीमारी में वह हजार रुपए ₹2000 चालान का कहां से लेकर आएगा चालान के रुपए भारदिये तो उसके परिवार में कैसे चूल्हा जलेगा ! लोगों की इतनी हालत खराब है! बेरोजगारी को लेकर के की लोग अपनी इज्जत बचाने में परेशान हैं !
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