DRDO ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी 108 सिस्टम और सब-सिस्टम की लिस्ट, 'MAKE IN INDIA' पर जोर
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मुलाकात की थी. डीआरडीओ ने रक्षा मंत्री को उन 108 सिस्टम और सब-सिस्टम की लिस्ट सौंपी है, जिनकी पहचान स्वदेशी विकास के रूप में की गई है. ये वो सिस्टम और सब-सिस्टम हैं, जिनकी डिजाइंनिग और डेवलपमेंट का भारत की इंडस्ट्रीज (Indian Industries) कर सकती हैं.DRDO ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी 108 सिस्टम और सब-सिस्टम की लिस्ट, 'MAKE IN INDIA' पर जोरDRDO ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी 108 सिस्टम और सब-सिस्टम की लिस्ट, 'MAKE IN INDIA' पर जोर
इंडस्ट्रीट की सहायता करेगा डीआरडीओ
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस विकास कार्य में डीआरडीओ , इंडस्ट्रीज की हर प्रकार से सहायता करेगा.
यह कदम इंडियन डिफेंस इंडस्ट्रीज के लिए एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में कई तकनीकों को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. रक्षा मंत्री ने अपने भावी प्रयासों के लिए डीआरडीओ टीम को अपनी शुभकामनाएं दी हैं.
108 सिस्टम और सब-सिस्टम में ये चीजें शामिल
108 सिस्टम और सब-सिस्टम की लिस्ट में मिनी और माइक्रो यूएवी, आरओवी, हथियारों के लिए बिना लाइसेंस के एनवी-आईआर साइट्स (शॉर्ट-रेंज), माउंटेन फुटब्रिज, फ्लोटिंग ब्रिज, माइंस बिछाने और मार्किंग इक्विपमेंट्स शामिल हैं.
इसके अलावा बख्तरबंद इंजीनियर टोही व्हिकल (AERV), एंटी-टेररिस्ट व्हिकल, मल्टी-स्पेक्ट्रल छलावरण जाल, बुलेटप्रूफ व्हिकल, मिसाइल कनस्तरों, समुद्री रॉकेट लांचर, सैटेलाइट नेविगेशन रिसीवर, टीआर मॉड्यूल सहित कई अन्य जरूरी चीजें भी सूची में शामिल हैं.
रक्षा मंत्री ने किया था 'आत्मनिर्भर वीक' लॉन्च
बताते चलें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले दिनों 'आत्मनिर्भर वीक' लॉन्च किया था. इस योजना के हिस्से के रूप में राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'मेक इन इंडिया के लिए अवसर' नामक एक पोर्टल लॉन्च किया था. इस मौके पर उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत भी मौजूद थे.
इस महीने की शुरुआत में लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (LCA) एमके IA, लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइल्स (लंबी दूरी), 155 मिमी आर्टिलरी गोला-बारूद को 101 चीजों की सूची में शामिल किया गया था. इन्हें रक्षा मंत्रालय द्वारा आयात प्रतिबंधों के तहत रखा गया है. इन चीजों पर चरणबद्ध तरीके से आयात पर रोक लगाने वाली योजना प्रभावी होगी. दिसंबर 2025 के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है.
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