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    पीड़िता की मौत के बाद परिजनों ने शव को रोड पर रखकर प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की






    पटना | बिहार के वैशाली जिले में देसरी थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव की मुस्लिम युवती को छेड़खानी का विरोध करने पर जलाकर मार दिए जाने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना के बाद से आरोपी फरार थे. पुलिस ने गिरफ़्तारी की पुष्टि की है.

     वैशाली जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, “इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य आरोपी की तलाश जारी है.”

    पीड़िता की मौत के बाद परिजनों ने शव को रोड पर रखकर प्रदर्शन कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था.

    पीड़िता के परिवार ने आरोपियों पर धमकी देने का आरोप लगाया था. इस मामले में मंगलवार को पहली गिरफ्तारी हुई. घटना के 18 दिन बाद पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि अभी भी एक आरोपी फरार है.

    यह घटना 30 अक्टूबर की है जबकि प्राथमिकी 2 नवंबर को दर्ज की गई. प्रशासन पर ये आरोप लग रहा है कि चुनाव को देखते हुए मामला प्रकाश में नहीं लाया गया.

    विपक्ष द्वारा मामले को उठाए जाने के बाद सरकार और प्रशासन सक्रीय हुआ. इसके बाद सम्बंधित थाना प्रभारी को निलंबित किया गया और फिर दो आरोपियों की गिरफ़्तारी की गई है.

    तेजस्वी यादव, राहुल गाँधी और असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना का वीडियो ट्विट कर नितीश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया था जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और गिरफ़्तारी की गई.

    ज्ञात हो कि बिहार के वैशाली में एक 20 वर्षीय मुस्लिम युवती गुलनाज़ को छेड़खानी का विरोध करने पर दबंगों द्वारा जला दिया गया था. पीड़िता की इलाज के दौरान पटना मेडिकल कालेज में रविवार को मौत हो गई थी.

    पीड़िता 75 प्रतिशत तक जल चुकी थी. जल्द ही उसकी सगाई हुई थी और चार महीने बाद उसकी शादी होने वाली थी. यह घटना 15 दिन पहले की है मगर इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

    मृतका वैशाली के देसरी थाना क्षेत्र के रसूलपुर गांव की रहने वाली थी. पीड़िता के पिता की बहुत पहले मौत हो चुकी है और माँ सिलाई का काम कर घर का ख़र्च चलाती है.

    इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने ट्विट कर मामले को 15 दिन तक छिपाए रखने और चुनाव में नुकसान के डर से मीडिया में न आने देने को लेकर सवाल उठाया है.


    उन्होंने ट्विट किया, “किसका अपराध ज़्यादा ख़तरनाक है- जिसने ये अमानवीय कर्म किया? या जिसने चुनावी फ़ायदे के लिए इसे छुपाया ताकि इस कुशासन पर अपने झूठे ‘सुशासन’ की नींव रख सके?”

    बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने घटना को लेकर ट्विट करते हुए नितीश सरकार को निशाना साधा है. उन्होंने सवाल किया कि देश जानना चाहता है कि जंगल राज का महाराज कौन है.


    तेजस्वी ने ट्विट किया, “कहाँ है एलईडी की रोशनी में दिल्ली से बिहार आकर जंगलराज खोजने वाले? Nation wants to know जंगलराज का महाराजा कौन??”

    एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्विट कर घटना को 15 दिन तक दबाए रखने पर नितीश कुमार की आलोचना की है. नितीश से सवाल करते हुए कहा है कि कहाँ है आप की कानून व्यवस्था.

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