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    पहली किस्‍त मिलने के बाद ठेकेदार ने जेई और ईओ को दी थी 16 लाख रुपये की घूस



    गाजियाबाद,नए साल की शुरुआत में ही दिल्‍ली से सटे गाजियाबाद में दिलदहलाने वाली घटना ने सभी को दुखी कर दिया है। अब इस मौत के ठेकेदार ने एक और सनसनीखेज खुलासा किया। अंत्‍येष्‍टि स्‍थल पर हुए हादसे के बाद से सीएम तक इस जांच पर नजर रख रहे हैं। जिला प्रशासन जहां पूरी तरह एक्‍टिव है। वहीं इस खुलासे ने प्रशासन और भ्रष्‍टाचार की गठजोड़ को सामने ला दिया है। बता दें कि मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार ने घूस देने की बात कबूल की है।

    पुलिस के दावे के अनुसार पूछताछ में इस कांड का मुख्‍य आरोपित ठेकेदार अजय त्‍यागी ने यह बताया कि ठेके की पहली किस्‍त मिलने के बाद ही जेई ओर ईओ को 16 लाख रुपये की घूस दी थी। यह घूस अंत्‍येष्‍ठि स्‍थल पर गैलरी निर्माण के काम के लिए दिया गया था। उसने यह भी बताया कि साथ ही खुद को मिले ठेके का निर्माण कार्य दो अन्य फर्मों से कराया था। बयान के आधार पर पांचवें आरोपित संजय गर्ग को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब रुपये की बंदरबाट सामने आने के बाद मुकदमे में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी बढ़ाई गईं हैं। अब इस मामले में सीओ विवेचना करेंगे।

    बता दें कि लोगों में इस केस के बाद गुस्‍सा देखा जा रहा है। ठेकेदार अजय लोगों के निशाने पर है। 25000 के इनामी और मुरादनगर हादसे के मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी को पुलिस द्वारा गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया तो वहां पर पहले से भर्ती किशन पाल की पत्नी पूनम ने आरोपी ठेकेदार की जूते चप्पलों से पिटाई कर दी। बताया गया है कि जैसे ही किशन पाल की पत्नी पूनम को पता चला इस हादसे के मुख्य आरोपी अजय त्यागी को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया जा रहा है तो वह बाहर निकली और उसे देखते ही पीछे से जूते और चप्पलों से वार कर दिया।

    इसी बीच पुलिस ने पूनम को धक्का देकर पीछे कर दिया और अजय त्यागी की जान बचाकर वहां से सीधे कोर्ट ले गई। बता दें कि पूनम के पिता जय राम की अंत्येष्टि में शामिल होने आए 25 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 घायलों का उपचार चल रहा है।

    कुर्क होगी ठेकेदार अजय त्यागी की संपत्ति

    अंत्येष्टि स्थल में मौत की गैलरी तैयार करने वाले ठेकेदार अजय त्यागी की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस-प्रशासन की टीम उसकी संपत्ति का रिकार्ड खंगालने में जुट गई है। पर्याप्त साक्ष्य संकलन के आधार पर संपत्ति कुर्क की कार्रवाई शुरू की जाएगी। इससे पहले पुलिस-प्रशासन तमाम औपचारिकताओं को पूरी कर रहा है। इसके अलावा गिरफ्तार की गई ईओ निहारिका चौहान, जेई चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष पर विभागीय कार्रवाई के अलावा उनके खिलाफ अन्य जांच भी शुरू हो गई हैं।

    ठेकेदारी के बल पर अरबपति बने मोरटा निवासी अजय त्यागी ने नगर निगम में अरबों के विकास कार्य किए। इस वक्त भी उसके करीब आठ करोड़ से अधिक के काम चल रहे थे। इसके अलावा मुरादनगर नगर पालिका में उसके द्वारा कई काम पूरे कराए जा चुके हैं। जबकि, एक करोड़ से ज्यादा के काम अभी चल रहे थे। अंत्येष्टि स्थल पर गैलरी गिरने के बाद नगर निगम और नगर पालिका में उसके द्वारा कराए गए विकास कार्यों का पूरा रिकार्ड तैयार कर लिया गया है। उनकी गुणवत्ता और स्थिति पर पूरी रिपोर्ट तकनीकी विभाग की टीम बना रही हैं। जीडीए की टीम ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है। उसकी फर्म को ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही उसकी फर्म को किए जाने वाले तमाम भुगतान पर भी तत्काल रोक लगा दी गई है। ठेकेदारी के बूते उसके द्वारा कितनी संपत्ति अर्जित की गई है, इसका ब्योरा तैयार करने में दो सप्ताह का वक्त लग जाएगा। वहीं, मुरादनगर नगर पालिका की ईओ, जेई और सुपरवाइजर के खिलाफ भी विभागीय जांच शुरू हो गई है। रिकार्ड खंगाला जा रहा है कि वे नौकरी के दौरान कहां-कहां पर तैनात रहे और उनके द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की इस वक्त क्या स्थिति है? नौकरी के शुरुआती दौर में उनके पास कितनी संपत्ति थी और इस वक्त उनके पास कितनी संपत्ति है। इसके अलावा अजय त्यागी के सहयोगी संजय गर्ग और जिस जिस की भी भूमिका पुलिस जांच में सामने आएगी, उनकी संपत्ति की जांच भी शुरू कर दी जाएगी। इस बारे में एसपी ग्रामीण डॉ. इरज राजा ने बताया कि आरोपित की संपत्ति का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। पर्याप्त साक्ष्य संकलन के आधार पर संपत्ति कुर्क की कार्रवाई शुरू की जाएगी। यह होती है पूरी प्रक्रिया

    थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद नामजद अजय त्यागी समेत कई आरोपितों की गिरफ्तारी हो गई है। कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने के बाद पुलिस आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई करेगी। इसके बाद पुलिस आइपीसी की धारा 14-1 के तहत आरोपितों की संपत्ति का रिकार्ड खंगालेगी। रिपोर्ट तैयार की जाएगी कि उनके द्वारा गैर कानूनी तरीके से कितनी संपत्ति हासिल की गई है। रजिस्ट्री कार्यालय के अलावा तहसील में देखा जाता है कि उनके द्वारा कितनी संपत्ति खरीदी गई है। कार, फार्म हाउस आदि उनके नाम कितनी संपत्ति हैं। उनका पूरा साक्ष्य संकलन करने के बाद एसएसपी के द्वारा फाइल डीएम को भेजी जाती है। डीएम संपत्ति की फाइल पर विचार कर उसको कुर्क करने के आदेश देते हैं। इसके बाद पुलिस प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में आरोपितों की संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जाती है।

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