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    काव्यगोष्ठी के साथ गोरखपुर महोत्सव 2021 को कहा गया अलविदा ,नायाब गीतों से सजी काव्य की महफिल,

    गोरखपुर महोत्सव 2021 में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत संगीत नाट्य एकेडमी के सदस्य राकेश श्रीवास्तव और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्रा के साथ ही साथ राजेश सिंह अपर जिलाधिकारी/ वित्त ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित करके किया।
    इस अवसर पर संबोधित करते हुए राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि इस काव्यगोष्ठी का आयोजन माननीय मुख्यमंत्री जी के इच्छा अनुसार किया गया है जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय एवं स्थानीय कवियों और शायरों को मंच प्रदान करना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर तहसीन अब्बासी पूर्व प्रमुख आकाशवाणी गोरखपुर ने सफल और शानदार आयोजन के लिए जिला प्रशासन को बहुत-बहुत मुबारकबाद पेश की साथ ही साथ उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय कलाकार कवि और शायर जो पूरे देश में घूम कर गोरखपुर का नेतृत्व कर रहे हैं अपने शहर में प्रस्तुति देना उनके लिए किसी उपहार से कम नहीं है। कार्यक्रम के संचालक मिन्नत गोरखपुरी ने कहा कि शायर जो होता है वह आईने के समान होता है और आईना कभी झूठ नहीं बोलता।
    काव्यगोष्ठी की शुरुआत डॉक्टर चारूशीला सिंह ने सरस्वती वंदना के साथ किया।
    इस अवसर पर गोरखपुर के वरिष्ठ कवि राजेश राज ने जैसे ही यह पंक्तियां पढ़ी लोगों ने खूब तालियां बजाई।
    मैं देख लेता हूं, ऐसे में आईना अक्सर
    कोई भी शख्स बुरा जब दिखाई देता है।।
    वसीम मजहर गोरखपुरी ने पढ़ा...
    यही है मेरा हिंदुस्तान, यही है मेरा हिंदुस्तान
    जिनकी फिजा में हर सू गूंजे गीता और कुरान।।
    डॉक्टर चेतना पांडे ने पढ़ा......
    तमाशा इतना कि उकता गया जी
    कोई मिलता नहीं क्यों सादगी से।
    डॉक्टर चारुशीला सिंह ने पढ़ा....
    ये सदा ही याद रखिए हम इसे दे जायें क्या ,
    ये कभी मत सोचिए हमको वतन ने क्या दिया ।।
    मिन्नत गोरखपुरी ने पढ़ा......
    बड़े इरादे नजरिए भी बड़े होंगे,
    किसी यकीन को जो अपना मान लेते हैं।।
    प्रतिभा गुप्ता ने पढ़ा.....
    हर्दय के घाव गहरे हैं, तुम्हे कैसे दिखाऊं मैं,
    लगी जो दिल पर पहरे हैं, तुम्हे कैसे दिखाऊं मैं।।
    भावना द्विवेदी ने पढ़ा.....
    वो तेरा छोड़ के जाना मुझे अब याद नहीं है।
    लौट के देख ले दुनिया मेरी बर्बाद नहीं है।।
    साथ ही साथ शिवांगी पाठक और आकृति विद्या अर्पणा भोजपुरी में श्वेता को मनमोहित कर लिया।
    साथ ही साथ-साथ फूलचंद गुप्ता, आतिफ हसन, डॉ यशपाल सिंह ने भी काव्य पाठ किया। अंत 
     मे क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्रा ने सभी कवियों और श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।
    इस अवसर पर पूर्व मेयर डॉ सत्य पांडे, आशीष रुंगटा, अरशद जमाल सामानी, अरशद अहमद, राज शेख, डॉ राशिद हुसैन, कनक हरि अग्रवाल, डॉ रूप कुमार बनर्जी आदि उपस्थित रहे।
     
                           
                     

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