कानपुर न्यायालय के ACM-2 अमित राठौर प्रशासनिक अधिकारी ने विधि के विरुद्ध सुना व किया विधि के विरुद्ध ऑर्डर संख्या,
कानपुर न्यायालय के ACM-2 श्री अमित राठौर प्रशासनिक अधिकारी ने विधि के विरुद्ध सुना व किया विधि के विरुद्ध ऑर्डर संख्या 00107 / 20* 21 *कंप्यूटरीकृत वाद संख्या- D 20 21 034 10000 107 धारा 145 सीआरपीसी में कानपुर के ACM-2 श्री अमित राठौर ने 145 i.p .c के वाद को सुना हवा में सीट पर विराजमान नहीं हुए और आर्डर सीट चलती रही वह आर्डर शीट मे वादी वह प्रतिवादी के अधिवक्ता पेश होते रहे हैं।जोकि ACM-2 श्री अमित राठौर महोदय की जिलाधिकारी कार्यालय में बैठकर वादी द्वारा पहले बता दिया गया था कि भूमाफिया हँसीनुजमा अन्सारी द्वारा अपर जूनियर डिवीजन से स्थगन स्टे प्राप्त है मगर ACM-2 श्री अमित राठौर महोदय लगातार हवा में बगैर सीट पर बैठे सुनते रहे हैं वह विधि के विरुद्ध किया ऑर्डर जो आर्डर में लिखा है कि वादी व प्रतिवादी का मुकदमा चल रहा है जो पूर्णता गलत है तथा अपर जूनियर डिवीजन फर्स्ट में हँसीनुजमा अंसारी बनाम केडीए वाद संख्या- 0582 चल रहा है ACM-2 श्री अमित राठौर द्वारा कानपुर विकास प्राधिकरण प्रपत्र भेजकर आख्या मांगी गई प्रपत्र में दर्शाया कि दोनों लोग अपनी अपनी बता रहे हैं जो कि वह जमीन कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अर्जित लैंड है तो एवार्ड संख्या- 125 अंतर्गत है जब स्थगन स्टे ACM-2 श्री अमित राठौर महोदय को पहले ज्ञात था कि स्टे है तो विधि के विरुद्ध सुनवाई क्यों करते रहें ??? पहले खारिज क्यों नहीं किया यह बहुत बड़ा प्रश्न है 12 तारीख सुना हवा में तथा पूर्व में बाकरगंज में दुकानों में आगजनी हुई थी जिस क्रम में सभी सम्मानित अखबारों ने छापा था उसी क्रम में ACM-2 श्री अमित राठौर द्वारा दूरभाष पर कानपुर दक्षिण प्रेस क्लब अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार गुप्ता को कहा कि आप हिंदू मुस्लिम करवाना चाहते हैं जिसकी वॉइस / ऑडियो प्रार्थी के पास मौजूद व अन्य वीडियो वह ऑडियो प्रार्थी उच्च आला अधिकारी को ACM -2 महोदय के लिए शिकायती पत्रावली प्रेषित अपना कथन कहेगा वह मुकदमे की आर्डर व आर्डर शीट लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय में अपनी प्रेयर प्रार्थना पत्र एडवोकेट श्री राजेश चौधरी के माध्यम से हाई कोर्ट में वाद दाखिल करेगा जिससे वादी के साथ न्याय हो सके।
जब उप निरीक्षक द्वारा 145 की कार्यवाही की गई एसीएम टू द्वारा उनको नोटिस क्यों नहीं दिया गया कि थाना हाजा से 145 /107/16 की कार्रवाई अवैधानिक रूप से क्यों की गई उप निरीक्षक को तलब क्यों नहीं किया गया पूर्व में रहे उप निरीक्षक ने मनोरोगी दिखा तो ऐसीम-2 द्वारा उस दरोगा के ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई क्या प्रशासनिक अधिकारी का यह कर्तव्य नहीं बनता है।
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