यूपी में मृत मिले मोर और कबूतर , वर्ड फ्लू की आशंका से सहमे लोग
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के बनकटी विकास खंड स्थित बंडा गांव में रविवार को आठ मोर व दो कबूतर मृत मिलने पर इलाके में हड़कंप मच गया है। सभी पक्षियों के शव गेहूं के खेत में पड़े मिले। घबराए हुए ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दी।
जानकारी के मुताबिक, बंडा गांव में सुबह के समय खेत के तरफ जा रहे कुछ लोगों ने मृत पक्षियों के देखा तो बर्ड फ्लू की आशंका में सहम गए। शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। जानकारी होने पर वन दरोगा हरिओम व पशुधन प्रसार अधिकारी सुशील कुमार मौके पर पहुंच गए।
वन दरोगा हरिओम ने बताया कि पक्षियों के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।अलर्ट है स्वास्थ्य विभाग बता दें कि इससे पहले छावनी, टिनिच व नगर बाजार क्षेत्र में भी पक्षियों के मरने का मामला सामने आ चुका है। हालांकि रैपिड रिस्पांस टीम का कहना है कि अब तक मृत मिले किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में संभावना व्यक्त की गई है कि पक्षियों की मौत ठंड से हुई है। वहीं टिनिच क्षेत्र में पक्षियों की मौत रसायन से शोधित गेहूं के बीज खाने से हुई थी।
बर्ड फ्लू को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट रहने की चेतावनी दी है। सीएमओ डॉ. एके गुप्ता ने कहा कि फिलहाल अपने जिले में अब तक बर्ड फ्लू के एक भी मामले नहीं मिले हैं। इससे पहले टिनिच क्षेत्र में पक्षियों की मौत हुई थी, मगर वहां भी रैपिड रिस्पांस टीम ने जांच किया तो बर्ड फ्लू से संबंधित मामला नहीं मिला।
क्या है बर्ड फ्लू
एसीएमओ डॉ. सीएल कन्नौजिया ने बताया कि बर्ड फ्लू भी सामान्य फ्लू की ही तरह होता है। यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होती है। यह वायरस पक्षियों के अलावा इंसानों को भी शिकार बना सकता है। बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है। पहले बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है, लेकिन कई बार यह इंसान को भी हो जाता है।
जानकारी के मुताबिक, बंडा गांव में सुबह के समय खेत के तरफ जा रहे कुछ लोगों ने मृत पक्षियों के देखा तो बर्ड फ्लू की आशंका में सहम गए। शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। जानकारी होने पर वन दरोगा हरिओम व पशुधन प्रसार अधिकारी सुशील कुमार मौके पर पहुंच गए।
वन दरोगा हरिओम ने बताया कि पक्षियों के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा।अलर्ट है स्वास्थ्य विभाग बता दें कि इससे पहले छावनी, टिनिच व नगर बाजार क्षेत्र में भी पक्षियों के मरने का मामला सामने आ चुका है। हालांकि रैपिड रिस्पांस टीम का कहना है कि अब तक मृत मिले किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में संभावना व्यक्त की गई है कि पक्षियों की मौत ठंड से हुई है। वहीं टिनिच क्षेत्र में पक्षियों की मौत रसायन से शोधित गेहूं के बीज खाने से हुई थी।
बर्ड फ्लू को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट रहने की चेतावनी दी है। सीएमओ डॉ. एके गुप्ता ने कहा कि फिलहाल अपने जिले में अब तक बर्ड फ्लू के एक भी मामले नहीं मिले हैं। इससे पहले टिनिच क्षेत्र में पक्षियों की मौत हुई थी, मगर वहां भी रैपिड रिस्पांस टीम ने जांच किया तो बर्ड फ्लू से संबंधित मामला नहीं मिला।
क्या है बर्ड फ्लू
एसीएमओ डॉ. सीएल कन्नौजिया ने बताया कि बर्ड फ्लू भी सामान्य फ्लू की ही तरह होता है। यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से होती है। यह वायरस पक्षियों के अलावा इंसानों को भी शिकार बना सकता है। बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है। पहले बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है, लेकिन कई बार यह इंसान को भी हो जाता है।
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