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    सांसदों को संसद की कैंटीन में अब नहीं मिलेगा सस्ता बढ़िया खाना, सरकार ने सब्सिडी समाप्त करने का ऐलान किया

    केंद्र सरकार ने जनहित में अब एक और बड़ा फैसला लिया है। जिसके अनुसार संसद की कैंटीन के लिए सभी तरह की सब्सिडी खत्म कर दी गई है। स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि सांसदों को मिलने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि सब्सिडी खत्म करने को लेकर दो साल पहले भी चर्चा हुई थी। देश की संसद में एक अहम फैसला हुआ है। संसद की कैंटीन में मिलने वाली सब्सिडी बंद हो गई। जानकारों ने बताया कि सांसदों को सस्ता बढ़िया खाना मिलने की खबरें लंबे समय से सोशल मीडिया के जरिए आम जनमानस के बीच जनप्रतिनिधियों के सुविधाभोगी होने की आलोचनाओं का शिकार हो रही थी। संभवतः मोदी सरकार ने इसीलिए इस प्रथा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। भारत की पार्लियामेंट की कैंटीन शायद दुनिया की सबसे सस्ती कैंटीन रही होगी जहां कभी एक कप बेहतरीन चाय सिर्फ 2 रूपये में मिलती थी। इतना ही सस्ता रेट माननीय सांसदों के लंच और डिनर के लिए भी होता था। वेज के शौकीन हो या फिर नॉनवेज सब कुछ इतना सस्ता था कि लोगों को लगता होगा कि काश हमें भी इतना सस्ता और बढ़िया भोजन नसीब होता। नए भारत में देश हित में सैकड़ों फैसले हुए हैं. इसी कड़ी में माननीयों को मिलने वाली ये सब्सिडी मोदी सरकार ने बंद कर दी है। कैंटीन के लिए सभी तरह की सब्सिडी खत्म कर दी गई है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि सांसदों और अन्य लोगों को खाने पर मिलने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी गई है। गौरतलब है कि खाने में सब्सिडी खत्म करने को लेकर चर्चा दो साल पहले भी हुई थी।
    माननीयों के खान-पान पर जारी सब्सिडी को लेकर उठने वाले सवालों को देखते हुए पिछले मानसून सत्र में ही इसे खत्म करने का फैसला कर लिया गया था, नया फैसला बजट सत्र से लागू हो जाएगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने हालांकि सब्सिडी से जुड़े वित्तीय पहलुओं के बारे में डिटेल में कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक सब्सिडी खत्म किए जाने से लोकसभा सचिवालय को सालाना करीब 8 करोड़ की बचत होगी।

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