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    कुशीनगर:कोरोना की लड़ाई अब अंतिम दौर में:आदित्यनाथ


    पडरौना,कुशीनगर।


    जनपद कुशीनगर में चल रहे मोरारी बापू की राम कथा में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे और उन्होंने उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल में स्थित बुद्ध परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में बापू का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री दिन में 1:30 बजे माथा कुंवर मंदिर के निकट हेलीपैड पर उतरे तत्पश्चात उनका जिलाधिकारी एस राज लिंगम,कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही,सांसद विजय कुमार दुबे,विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी,पवन केडिया,गंगा सिंह कुशवाहा,जटाशंकर त्रिपाठी,भाजपा जिला अध्यक्ष प्रेमचंद्र मिश्रा,दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बाल्टी बाबा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों के द्वारा स्वागत अभिनंदन किया। 
    मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में रामकथा को जन कल्याण से जोड़ते हुए कहा कि आज जबकि पूरा विश्व पिछले 10 से 11 महीने से कोरोना महामारी से लड़ रहा है ऐसी परिस्थितियों में भारत एवं उत्तरप्रदेश इस लड़ाई को अंतिम चरण में लड़ रहा है और आने वाले चार पांच महीनों में हम कोरोना पर पूर्ण रूप से विजय प्राप्त कर लेंगे।उन्होंने किसी भी देश का नाम लिए बगैर कहा कि आज जबकि कुछ देश दुनिया में कोरोना फैलाने का काम कर रहे हैं भारत एक साथ दो-दो वैक्सीन बनाकर दुनिया के देशों के मदद के लिए हांथ बढ़ा रहा है और उन्हें वैक्सीन भी उपलब्ध करा रहा है। हम भारत के लोग वसुधैव कुटुंबकम एवं सर्वे संतु निरामया की धारणा से संसार के लोगों के साथ व्यवहार करते हैं और दुनिया में रामकथा भी लोकमंगल की कामना के लिए जाना जाता है।उन्होंने कहा कि यह अद्भुत संयोग है कि महात्मा बुद्ध की परि-निर्वाण स्थली जिसने संपूर्ण दुनिया में शांति और अहिंसा का संदेश दिया में बापू की राम कथा चल रही है,जो सनातन ही नहीं पूरे देश के स्वाभिमान के प्रतीक हैं।उन्होंने अयोध्या में जल्द ही भव्य श्रीराम मंदिर बनने के बारे में बताया कि कार्य तेजी से प्रगति पर है।
    इस अवसर पर कुशीनगर सांसद कुशीनगर विजय कुमार दुबे,विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी,जटाशंकर त्रिपाठी,पवन केडिया भाजपा जिला अध्यक्ष प्रेमचंद्र मिश्रा,सहित हजारों की संख्या में भक्त श्रोता उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के आगमन के पूर्व बापू ने छठवें दिन की राम कथा में बुद्ध के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों में ध्यान, धम्म एवं निर्वाण की बात की।उन्होंने कहा कि महात्मा व्यास के अनुसार साधना सात प्रकार की होती है। नाम,रूप,जप,लीला, ध्यान,सुमिरन,शून्य या पूर्ण की साधना।

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