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    इमामों व मोअज़्ज़िनों को कंबल दिए जाने की मुहीम जारी,


    गोरखपुर। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में सात से पंद्रह जनवरी तक कई मुकद्दस हस्तियों का उर्स-ए-पाक मनाया जायेगा। जिनमें हज़रत सैयद अहमद कबीर रिफाई अलैहिर्रहमां, हज़रत सुल्तान ख्वाजा इब्राहिम बिन अदहम अलैहिर्रहमां, दीन-ए-इस्लाम के महान सेना नायक सहाबी-ए-रसूल हज़रत सैयदना खालिद बिन वलीद रज़ियल्लाहु अन्हु, हज़रत ख्वाजा फरीदुद्दीन अत्तार अलैहिर्रहमां व आख़िरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफ़र शामिल हैं। उर्स-ए-पाक पर कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी होगी। जानकारी देते हुए मस्जिद के पेश इमाम हाफिज महमूद रज़ा कादरी ने बताया कि हज़रत सैयदना खालिद बिन वलीद को सैफुल्लाह (अल्लाह की तलवार) का खिताब पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने अता फरमाया। आप इस्लामी तारीख के नायक व महान योद्धा थे। आपका शुमार दनिया के सबसे महान जनरलों में होता है।इसी तरह हज़रत सैयद अहमद कबीर रिफाई, हज़रत सुल्तान ख्वाजा इब्राहिम बिन अदहम, हज़रत ख्वाजा फरीदुद्दीन अत्तार बहुत बड़े अल्लाह वाले गुजरे हैं जिन्हें शिद्दत से याद किया जायेगा। भारतीय स्वतंत्रा संग्राम के नायक आख़िरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफ़र को भी खिराजे अकीदत पेश किया जाये

    गोरखपुर। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के युवा पेश इमाम हाफिज महमूद रज़ा कादरी द्वारा शहर की मस्जिदों के जरूरतमंद इमाम व मोअज़्ज़िन हज़रात को कम्बल दिए जाने की मुहीम जारी है। एक दर्जन से अधिक इमाम व मोअज़्ज़िन हज़रात को उनकी मस्जिद पर ले जाकर बेहतरीन किस्म का कंबल दिया जा चुका है। 
    उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के समय से ही शहर की मस्जिदों के इमाम व मोअज़्ज़िन हज़रात के हालात खराब हैं। इमाम व मोअज़्जिन की सैलरी वैसे ही बहुत कम है वहीं लोग उनके हालात पर भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिस वजह से उन्हें नित नई परेशानियों से जुझना पड़ रहा है। जाड़े में कोई इमाम व मोअज़्ज़िन ठंड से बेहाल न हो इसलिए यह मुहीम शुरू की। अवाम के चंदे से ही जरूरतमंद इमाम व मोअज़्ज़िन हज़रात को कंबल खरीद कर दिया जा रहा है।

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