कजाकपुर मंझरिया में होने वाली रैली संकल्प दिवस की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है ,सरवन निषाद,
गोरखपुर कजाकपुर मंझरिया विस्टोल् में होने वाली रैली संकल्प दिवस की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है कल दिन में 11:00 बजे पहला संबोधन पार्टी प्रमुख डॉ संजय कुमार निषाद का होगा संजय निषाद को पॉलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन खिताब से नवाजा जा चुका है डा. संजय कुमार निषाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष निषाद पार्टी ने अध्यक्ष है उन्होंने कहा कि किसानों की तरह अब 18% आबादी वाले जो सरकारी आकड़े के अनुसार मछुआरे निषाद पार्टी के साथ दिखेंगे! डॉक्टर संजय निषाद के सुपुत्र सरवन निषाद ने कहा कि कल के कार्यक्रम में 3 लाख से पाँच लाख तक लोगों के आने की संभावना है जिसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है इसी कड़ी में डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि
किसी भी सरकार को चलाने के लिए पॉलिटिकल पार्टनरसिप की जरुरत होती है। कांग्रेस के समय से विदेशी कंपनियां, सपा के समय अमर सिंह एंड कंपनी थी, बसपा के समय सतीश मिश्रा एंड कंपनी है और वर्तमान समय में अडानी, अंबानी आदि हैं। ये लोग राजनिती एवं बजट के हिस्सेदार होकर सबल होते हैं, वहीं देश के वोटर राजनिती एवं बजट का शिकार हो रहे हैं इसलिए निर्बल हो रहे है।
देश में गरीबी तबतक नहीं खत्म होगी जबतक वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बनकर बजट का हिस्सेदार नहीं होता। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल(निषाद पार्टी) भी यही चाहती है कि वोटर पॉलिटिकल पार्टनर बन बजट का हिस्सेदार बनें।
देश का असली भगवान वोटर है। वोटर पॉलिटिकल पार्टनर जिसकी सरकार रहती है उसके हैं। यही हाल सभी अन्य विभागों में भी है। देश को आजाद कराने वाले मछुआ समुदाय, निषाद एवं अति पिछड़ी जातियों के लोग कहां है? उनकी भागीदारी का वक्त आ गया है, चाहे सत्ता हो, शिक्षा हो या रोजगार हो।
जैसे सभी पार्टियां अपना संकल्प लेती हैं , हमारी पार्टी का भी 13 जनवरी 2013 से प्रत्येक वर्ष संकल्प लिया जाता है, इस बार 13 जनवरी को गोरखपुर में है, जहां देश के प्रदेश के प्रत्येक जिले के हर विधानसभाओं से लाखों लोग आरक्षण और सत्ता में भागीदारी का संकल्प लेने गोरखपुर आ रहे हैं। तामिलनाडु (पांडिचेरी) में मुझे पॉलिटिकल गॉडफादर ऑफ फिशरमैन की उपाधि मिली। मुझे विश्व के मछुआरों का साथ मिला,
बीजेपी हमारी सहयोगी पार्टी है और 2019 में दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने आपस में विचार विमर्ष कर एक साथ आने का फैसला लिया था।समाज के लोग पूछते हैं कि लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने आपसे कई वायदे किए थे अब आप उनके सहयोगी भी है तो ऐसे में कोई वायदा पूरा हुआ या नहीं?
हमें कहना पड़ता है कि वायदे उन्होने किए है तो अभी तक पूरे क्यों नहीं किए ये भाजपा जानें। भाजपा हमारे मित्र और बड़े भाई हैं। मैने या मेरी पार्टी के किसी भी नेता ने पद के लालच में गठबंधन नहीं किया था। हमने मछुआ समाज के आरक्षण और विकास के लिए गठबंधन किया है।
मछुआ समाज के साथ सबने अन्याय किया, चाहे बसपा हो, सपा हो सबने वोट लेकर छलने का काम किया। सपा कभी एस.सी से बाहर कर पिछड़ी सूची में डाल देती है तो बसपा स्टे लगा देती है।
उत्तराखंड सरकार में शिल्पकार को जातियों का समूह मानकर सभी पर्यायवाची एवं उपजातियों को अनुसूचित जातियों का आरक्षण दिया गया, इसी आधार पर हमें भी मंझवार, गोडम , तुरैहा आदि को जातियों का समूह मानकर उत्तराखंड सरकार के शासनादेश के आधार पर केवट, मल्लाह, कश्यप कंहार आदि को अनुसूचित जाति के आरक्षण का प्रमाण पत्र दिया जाय। हम भाजपा के मित्र हैं इसलिए उन्हें आगाह करेंगे कि हमारा वादा पूरा करें।
आने वाले चुनावों में हमारा आरक्षण मुद्दा पहले भी वही था और आज भी वही है समाज के कल्याण का हक आरक्षण मिले, समाज के लोगों पर लगे राजनैतिक केस वापसी हों। हमारा मुद्दा निर्बल शोषितों को न्याय दिलाना है। सबको शिक्षा और स्वास्थय सुविधा फ्री मिले, रोजगार के अवसर मिले। सरकार महंगाई पर रोक लगाए। बाकी मेरी अपील है समाज के सभी वर्गों से की वो हमारी मांगों को लेकर हमारा समर्थन करें और हमारे हक की लड़ाई में अपनी भागीदारी दें।
निषाद पार्टी की प्रमुख मांगे:-
1.संविधान में सूचीबद्ध मझवार, गोंड़, तुरैना, खरवार, बेलदार, खरोट, कोली का अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र यथाशीघ्र जारी किया जाय।
2.राष्ट्रपति के 1961 के आदेशानुसार मछुआरों को उपरोक्त जातियों में 2021 की जनगणना में गिना जाय।
3.उपरोक्त सभी समूहों की पर्यायवाची जातियों को रेणुका आयोग के रिपोर्ट के अनुसार विमुक्ति जनजाति की सभी सुविधाएं दी जाय।
4.ताल, घाट, नदी पूर्व की भांति निषादवंशिय मछुआ समुदाय को दिया जाय। नदियों के किनारे खाली पड़ी भूमि के नीचे मौरंग, बालू को भी मछुआ समुदाय को आरक्षित किया जाए।
5.मत्सय मंत्रालय के सभी योजनाओं का लाभ परंपरागत गरीब मछुआरों को दिया जाय।
6.पंचायत चुनाव से पहले बसपा द्वारा लिए गए मझवार आरक्षण जो संविधान की सूची में सूचीबद्ध है के रोक को सरकार हाईकोर्ट में पक्ष में प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत कर हटाया जाए साथ ही हमारा आरक्षण लागू किया जाय।
7.मत्सय मंत्रालय द्वारा जारी बीमा योजना को ग्रामसभा में सभा आयोजित कर मछुआ समुदाय का बीमा करवाया जाय।
8.मत्सय मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन क्षेत्रीय भाषाओं में लिखवाकर मछुआ समुदाय के गांवों में लगाया जाय।
9.आधुनिक शिक्षण प्रशिक्षण हेतु गांव के गरीब मछुआरों को प्रोत्साहन राशि दिया जाय।
10.सरकारा द्वारा दी जानेवाली अनुदान सहायता राशि बिना गारंटी के प्रदान किया जाय।
11.दक्षिणी भारत जैसे उत्तर प्रदेश के मछुआरों को भी सुविधा दी जाय।
12.मत्सय मंत्रालय के विभागों को ब्लॉक स्तर पर खोला जाय।
13.निजी एवम् सरकारी विद्यालयों में मछुआ समुदाय के बच्चों का सीट आरक्षित कर पढ़ाई लिखाई के साथ अन्य सुविधाएं भी नि:शुल्क किया जाय।
14.जनसंख्या के आधार पर सभी क्षेत्रों में मछुआ समुदाय के सभी जातियों तथा उपजातियों के लिए सीटें आरक्षित किए जाय।
15.प्रयागराज में श्री रामचंद्र जी की मूर्ति तथा राम के बड़े भाई निषादराज की मूर्ति अयोध्या में श्री रामचंद्र की मूर्ति के बराबर लगाया जाय।
इनके प्रमुख मांगे हैं
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