Header Ads

ad728
  • Breaking News

    गुणकारी गुड़ के फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे आप

    वर्षों पहले देहात क्षेत्र में प्राय: सभी किसान अपनी जरूरत के मुताबिक पारंपरिक रूप से गन्ने की खेती किया करते थे। तब के जमाने में मिठाई का मूल स्त्रोत गन्ना और उससे बनने वाला गुड़ ही हुआ करता था।उन दिनों प्राय: हर मीठे पकवानों में गुड़ का ही प्रयोग किया जाता था। फिर चाहे वह मिठाइयां या घरेलू पकवान हों या चाय और शरबत सब गुड़ की मिठास से ही तैयार किए जाते थे। बदलते जमाने के साथ चीनी मिलों के जरिए होने वाले शक्कर के उत्पादन ने चमकदार साफ सुथरी मिठाइयों ने और आधुनिकता की दौड़ ने हमें अपनी पारंपरिक गुड़ उत्पादन की परंपराओं से दूर कर दिया। आम तौर पर गुड़ बनाने के लिए कोल्हू से गन्ने का रस निकालकर उसे एक बड़े कड़ाहे में पकाया जाता है। उबलते हुए रस में से निकले वाले उसके कचरे को छानकर निकाल दिया जाता है।रस के सूखकर कठोर होने से पहले उसे कड़ाहे से बाहर निकाल कर हल्का गर्म रहने पर ही हाथों से गोल, चपटे अथवा मन चाहे आकार का गुड़ बनाने की परंपरा है। नए दौर में अब मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है। देहात क्षेत्र में आज भी गुड़ को बेहद गुणकारी माना जाता है।चीनी से अधिक गुड़कारी माने जाने वाले गुड़ का कोई जवाब नहीं है। सुदूर देहात क्षेत्रों में आज भी कुछ किसान अपने खेतों में पैदा होने वाले गन्ने से गुड़ का उत्पादन करते हैं। कुछेक स्थानों पर गुड़ का उत्पादन उद्योग के रूप में विकसित हो चुका है। प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पहचाना जाने वाला गुड़, स्वाद के साथ ही सेहत का भी खजाना है, अगर अाप अब तक अनजान हैं इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से, तो आइए जानते हैं गुड़ खाने के बेहतरीन लाभ जो कि नीचे दिए गए हैं।
    गुड़ पेट की समस्याओं से निपटने के एक बेहद आसान और फायदेमंद उपाय है। यह पेट में गैस बनना और पाचन क्रिया से जुड़ी अन्य समस्याओं को हल करने में बहुत ही लाभदायक है। खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन पाचन में सहयोग करता है।
    सर्दी के दिनों में या सर्दी होने पर गुड़ का प्रयोग अमृत के समान माना गया है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दी, जुकाम और खास तौर से कफ से राहत देने में मदद करता है। इसके लिए दूध या चाय में गुड़ का प्रयोग किया जा सकता है। इसका काढ़ा भी बनाकर लिया जाता है। गुड़ को अदरक के साथ गर्म करके इसे गुनगुना खाने से गले की खराश और जलन में राहत मिलती है। इससे आवाज भी बेहतर हो जाती है। जोड़ों में दर्द की समस्या होने पर गुड़ का अदरक के साथ प्रयोग काफी लाभदायक सिद्ध होता है। प्रतिदिन गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक खाने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। त्वचा की सेहत के लिए भी गुड़ बेहद काम की चीज माना गया है। गुड़ शरीर में रक्त से हानिकारक टॉक्स‍िन्स को बाहर करके, त्वचा को साफ रखने में मददगार साबित होता है। साथ ही रक्त संचार भी बेहतर करता है। रोज थोड़ा सा गुड़ खाने से मुंहासों की समस्या नहीं होती और त्वचा में चमक आती है। यह त्वचा की समस्याओं को आंतरिक रूप से ठीक करने में मदद करता है। शरीर में आयरन की कमी होने पर गुड़ आयरन का एक अच्छा और सुलभ स्रोत माना गया है। एनिमिया (रक्ताल्पता) के रोग में भी गुड़ बेहद फायदेमंद होता है। बहुत अधि‍क थकान या कमजोरी महसूस होने पर भी गुड़ मददगार साबित होता है। यह शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ा देता है। जिससे थकान महसूस नहीं होती है। शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में गुड़ सहायक होता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं, इसलिए अस्थमा होने पर भी मरीज़ों के  लिए इसका सेवन लाभकारी होता है। पेट में गैस बनने की समस्या होने पर प्रतिदिन एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन करने से पेट में ठंडक होती है, और गैस भी नहीं बनती। प्रतिदिन दोपहर और रात के खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ मुंह में रखकर चूसने से पाचन क्रिया बेहतर होती है, तथा गैस  नहीं बनती है। गुड़ शरीर में रक्त की सफाई कर मेटाबॉलिज्म रेट को तेजी से नियंत्रित करता है। इसकें अलावा गुड़ गले और फेफड़ों के संक्रमण के इलाज में फायदेमंद होता है। अस्थमा के इलाज में गुड़ काफी लाभदायक होता है। गुड़ और काले तिल के लड्डू बनाकर खाने से सर्दी में अस्थमा की समस्या नहीं होती और शरीर में आवश्यक गर्मी बनी रहती है। इसके अलावा सांस संबंधी रोगों के लिए पांच ग्राम गुड़ को समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाकर खाने से सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
    गला बैठ जाने और आवाज जकड़ जाने की स्थि‍ति में पके हुए चावल में गुड़ मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है और आवाज भी खुल जाती है।कान में दर्द होने पर भी गुड़ लाभदायक होता है। गुड़ को घी के साथ मिलाकर खाने से कान में होने वाले दर्द की समस्या से निजात मिलती है। पीलिया होने पर पांच ग्राम सोंठ में दस ग्राम गुड़ मिलाकर एक साथ खाने से बहुत अधिक लाभ मिलता है। महिलाओं को मासिकधर्म की समस्याओं में राहत देने के लिए भी गुड़ बेहद फायदेमंद है। इस दौरान गुड़ का सेवन करने से हर तरह की तकलीफ में राहत मिलती है। स्मरण शक्ति बढ़ाने में भी गुड़ बहुत फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से याददाश्त तेज होती है, तथा दिमाग कमजोर नहीं होता। अगर आपको कम भूख लगती है,तो गुड़ खाने से भूख बढ़ती है, और पाचनक्रिया दुरूस्त होती है। गु़ड़ एक अच्छा मूड बूस्टर भी है, यह मन को खुशनुमा बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही माइग्रेन की समस्या में भी गुड़ फायदा पहुंचाता है। प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से लाभ होता है। खट्टी डकारें आने या पेट की अन्य समस्या कृमि आदि होने पर गुड़ में काला नमक मिलाकर चाटने से लाभ होता है। इसके साथ ही यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में बहुत ही सहायक सिद्ध होता है। वजन कम करने के लिए भी गुड़ का प्रयोग किया जाता है। यह शरीर में जल के अवधारण को कम करके शरीर के वजन को नियंत्रित करता है। आमतौर पर गुड़ की तासीर गर्म मानी गई है। लेकिन इसको पानी के साथ घोलकर पीने से यह शरीर में ठंढक भी प्रदान करता है, और शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

    कोई टिप्पणी नहीं

    thanks for comment...

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728
    ad728