पेट्रोल के दाम 100 के पार,पीएम मोदी ने पिछली सरकारों को ठहराया ज़िम्मेदार
देश भर में पेट्रोल डीजल की खूदरा कीमतें पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रही हैं। मध्य प्रदेश में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपए प्रति लीटर से पार हो गई है।
दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल की क़ीमत में प्रति लीटर 34 पैसे की बढ़ोतरी हुई और एक लीटर पेट्रोल 89.88 रुपए में मिल रहा है। 17 फ़रवरी को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 89.54 रुपए में मिल रहा था। दिल्ली में डीज़ल की क़ीमत भी प्रति लीटर 80.27 रुपए हो गई है।
17 फ़रवरी की तुलना में दिल्ली में 18 फ़रवरी को डीज़ल 32 पैसे महंगा हो गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों में बढ़ोतरी के लिए पहले की सरकारों को ज़िम्मेदार बताया है।
प्रधानमंत्री ने बुधवार को कहा था कि भारत ने ऊर्जा के आयात घटाने की कोई कोशिश नहीं की इसलिए मध्य वर्ग पर पेट्रोल और डीज़ल का बोझ बढ़ता जा रहा है। विपक्षी पार्टियाँ तेल की बढ़ती क़ीमतों के लिए मोदी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराती हैं। कांग्रेस का कहना है कि जब अंतराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमत रिकॉर्ड स्तर पर कम हुई तब भी मोदी सरकार ने ग्राहकों को राहत नहीं दी बल्कि और टैक्स बढ़ा दिया था।
अगर भारत में एक लीटर पेट्रोल 100 रुपए में मिल रहा है तो इसमें क़रीब 60 रुपए केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स के होते हैं। वहीं डीज़ल में 54 फ़ीसदी टैक्स होता है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि ऊर्जा के मामले में भारत को आयात पर निर्भरता कम करनी होगी। प्रधानमंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर काम कर रही है ताकि आयात पर निर्भरता कम हो। अभी तेल की क़ीमतों में उछाल के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में आ रहे सुधार बताया को जा रहा है। पिछले साल कोविड महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल क़ीमत रिकॉर्ड स्तर पर नीचे चली गई थी। हालांकि तब भी भारत सरकार ने उस अनुपात में तेल की क़ीमत कम नहीं की थी। तब सरकार का यह कहना था कि वो इन पैसों का इस्तेमाल इन्फ़्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कह रही है।
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