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    राम कथा के श्रवण से बुझी है व्यक्ति की आत्मिक प्यास महंत देवेंद्र दास



    सहजनवा बांसगांव संदेश पाली।श्रीराम चरित मानस महायज्ञ पुण्डा में यज्ञ के तीसरे दिन  अयोध्या दसरथ गद्दी के महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने 
    राम कथा की महिमा बताते हुए कहा कि रामकथा की कथा चंद्रमा के किरण के समान है ।जिस प्रकार चकोर पक्षी  स्वाति नक्षत्र के जल की बूंद से  अपनी प्यास शांत बुझाता है ।उसी प्रकार  रामकथा का श्रवण करने से व्यक्ति की आत्मिक प्यास बुझती है।यह उक्त बातें ग्राम पुंडा में आयोजित  11 दिवसीय श्रीराम  चरित मानस महा यज्ञ में   कथावाचक दशरथ गद्दी  अयोध्या के महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने अपनी कथा में  राम नाम की महिमा बताते हुए श्रद्धालुओं से कही उन्होंने कहा  कि चंद्रमा शीतलता प्रदान करती है उसी प्रकार राम कथा जीवन में शीतलता लाती है ।जब घर में अंधेरा हो तब दीपक को देहरी में रखना चाहिए प्रकाश अंदर बाहर दोनों तरफ फैलता है उसी प्रकार जीवन में अंधकार आने पर राम नाम रूपी दीपक जिव्हा रुपी देहरी पर रखना चाहिए इससे इहलोक परलोक दोनों प्रकाशित होगा इस पर देवेंद्र दास जी महाराज ने बताया कि गणेश जी की प्रथम पूज्य होने की दो कथा है एक में गणेश जी अपने माता-पिता की परिक्रमा करते हैं लेकिन रामचरितमानस के अनुसार नारद के कहने पर पृथ्वी की सात बार सीताराम लिखकर परिक्रमा की तब वह प्रथम पूजनीय हुए इस अवसर पर सी पी भटट , लालजी भट्ट , पंडित शुधकर त्रिपाठी,रामवृक्ष यादव, गोकुला प्रसाद ,वकील मास्टर, रमाशंकर भवानी, विनय कुमार मुनीष ,राजकुमारी देवी कंचन भट्ट सुधा देवी प्रमिला देवी उर्मिला देवी राधा देवी सहित आदि लोग  रहे।

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