मोदी जी ने तेल तथा गैस क्षेत्रों की कई परियोजनाओं की शुरुआत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेचुरल गैस को लेकर बड़ी बात कही है. प्रधानमंत्री ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारत सरकार नेचुरल गैस को माल एवं सेवाकर (GST, जीएसटी) के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि गैस के दाम घटाए जा सकें और पूरे देश में एक समान कीमत की प्रणाली लागू की जा सके| प्रधानमंत्री ने इसी के साथ विदेशी निवेशकों को भारत आने और निवेश करने की अपील की|
प्राकृतिक गैस के दाम हर छह महीने पर (1 अप्रैल और 1 अक्टूबर) तय किए जाते हैं. प्राकृतिक गैस का उपयोग उर्वरक और बिजली उत्पादन में किया जाता है| साथ ही उसका उपयोग वाहनों में ईंधन के रूप में उपयोग के लिए सीएनजी (CNG) और घरों में खाना पकाने की गैस (Cooking Gas) में होता है|
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार प्राकृतिक गैस को जीएसटी के तहत लाने के लिए प्रतिबद्ध है| उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में गैस और तेल के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे| प्रधानमंत्री ने बुधवार को तमिलनाडु में एक तेल और गैस के प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया | वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया| प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की तेल की कंपनियां आज दुनिया के 27 देशों में बिजनेस कर रही हैं और इसमें 2.70 लाख करोड़ का निवेश किया गया है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 5 साल में तेल और गैस के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क को देश के 470 जिलों में पहुंचाया जाएगा. अभी तक 65.2 मिलियन टन पेट्रोलियम प्रोडक्ट का आयात किया गया है. भविष्य में इस मात्रा में और बढ़ोतरी होगी. भारत 2030 तक अपने इस्तेमाल के लिए 40 परसेंट ऊर्जा रिन्यूएबल (ग्रीन एनर्जी) सोर्स से पैदा करेगा|
प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में भारत का ध्यान ऊर्जा के आयात पर निर्भरता को घटाना है. भारत का ध्यान इथेनॉल पर है जिससे कि किसानों को उपभोक्ताओं को फायदा होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में सोलर पावर सेक्टर का अगुआ बनकर उभरना चाहता है. सार्वजनिक परिवहन को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि लोगों की जिंदगी आसान हो सके. सोलर पंप दिनों दिन लोकप्रिय हो रहे हैं और इससे किसानों को मदद मिल रही है. यह काम लोगों की मदद के बिना संभव नहीं है. अपनी ऊर्जा की खपत को देश में पूरा किया जा सके, इसके लिए देश तेजी से काम कर रहा है. भविष्य में तेल के आयात में बड़े स्तर पर कमी की जाएगी|
कोई टिप्पणी नहीं
thanks for comment...