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    दो दिवसीय आपदा मित्रों के प्रशिक्षण शिविर में दी गई महत्वपूर्ण जानकारियां..

    पी. एल. यादव (बांसगांव संदेश) देवरिया.. 
    विकास भवन के गांधी सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण देवरिया के तत्वाधान में चल रहे दो दिवसीय आपदा मित्रों के प्रशिक्षण शिविर के प्रथम सत्र की शुरुआत राज्य सलाहकार यूनिसेफ मनोज कुमार सिंह जी द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। उसके पश्चात प्रशिक्षण के प्रथम सत्र की शुरुआत करते हुए अग्निशमन अधिकारी शंकर शरण राय ने आग लगने पर उसके बुझाने के तरीके सावधानियां तथा आग के प्रकारों के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान किया ,उन्होंने बताया कि सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आग किस प्रकार से लगी है साथ ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले आगे के कारणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रशिक्षण सत्र को आगे बढ़ाते हुए यूनिसेफ के राज्य सलाहकार मनोज सिंह ने आपदा के समय आपदा मित्रों की समाज के प्रति जवाबदेही तथा व्यवहार परक मुद्दों के साथ-साथ संवेदनशील समूह जिसमें बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं तथा दिव्यांगों की सुरक्षा पर विशेष बल देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आपदा मित्रों का कौशल एवं उनका ज्ञान ही आपदा के समय उनकी सबसे बड़ा अस्त्र है ,उन्होंने आकाशीय बिजली के दौरान किए जाने वाले उपायों के संदर्भ में भी विस्तार से चर्चा किया ।सिर्फ श्री सिंह ने आंधी और तूफान से होने वाली हानियां तथा बचाव के संदर्भ में भी जानकारी प्रदान की। जिला परियोजना समन्वयक मैत्रेयी मिश्रा ने ग्राम पंचायतों में बनने वाली आपदा प्रबंधन समिति के तकनीकी पहलुओं, दायित्व एवं ढांचागत संरचना पर विस्तार से चर्चा किया उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा के समय सूचना एवं चेतावनी समूह तथा खोज बचाव दल का बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान होता है ,साथ ही उन्होंने प्राथमिक सहायता समूह के संदर्भ में विस्तार से चर्चा किया। फील्ड कोऑर्डिनेटर बृजेश कुमार पांडे ने आपदा के दौरान रिस्क मैपिंग के विभिन्न पहलुओं विभिन्न तरह के आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों को मैपिंग के माध्यम से चिन्हित करने की विधा से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया साथ ही गांव में मौजूद संसाधनों का उपयोग तथा पेयजल स्रोतों के रखरखाव एवं स्वच्छता को विशेष ध्यान देने पर बल दिया। नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी विकास तिवारी ने लू के दौरान होने वाली घटनाओं तथा उसके बचाव के तरीकों पर चर्चा करते हुए कहा कि गर्म हवाओं के चलते समय दोपहर के समय ब्लू में जाने से बचना चाहिए ,तथा अत्यधिक पानी का सेवन करना चाहिए। जिससे कि लू के प्रभावों से बचा जा सके ।प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में एनडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर चंदन कुमार सिंह ने बाढ़ के पूर्व तथा बाढ़ के पश्चात आपदा मित्रों के दायित्व तथा कर्तव्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे घर में पड़ी हुई बेकार वस्तुओं का हम बाढ के समय सुरक्षा के लिए उपयोग कर सकते हैं ,उन्होंने प्राथमिक उपचार जिसमें सीपीआर की विधि तथा पानी में डूबते हुए व्यक्ति को बचाने की विधा पर भी विस्तार से चर्चा किया तकनीकी सहायक डॉ एसके सिंह ने आपदा के दौरान खेलने वाली महामारी को रोकने के लिए आपदा मित्रों के कर्तव्य और दायित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी महामारी को फैलने से रोकने के लिए स्वच्छता और शुद्ध पेयजल के साथ-साथ हाथ धुल ना और खुले में शौच ना करना यह बहुत महत्वपूर्ण पहलू है जिससे कि हम आपदा के दौरान महामारी को फैलने से रोक सकते हैं। प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में दस्तावेज समन्वयक विजय प्रताप सिंह ने सभी प्रतिभागियों से प्रशिक्षण पश्चात मूल्यांकन प्रपत्र तथा फीडबैक भरवाया तथा जिला परियोजना समन्वयक मैत्री मिश्रा ने आपदाओं के समय हुई क्षति और उसके दौरान मिलने वाली सरकारी सहायता के संदर्भ में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया तथा प्रशिक्षण प्रांत आपदा मित्रों को अपने क्षेत्रों में आज कार्य करके आपदाओं के दौरान होने वाली क्षति को कम करने में प्रशासन का सहयोग करना चाहिए ।प्रशिक्षण के दौरान सुमन पांडे ,विकास कुशवाहा नेहरू युवा केंद्र के राज्य प्रशिक्षक अजीत तिवारी, पिंटू लाल यादव स्काउट गाइड के वॉलिंटियर्स मोनी विश्वकर्मा, संजीव रंजन ,आदित्य यादव, अभय चौरसिया ,खुशबू मल ,तथा नेहरू युवा केंद्र से विकास यादव मुन्ना यादव जावेद आलम से विकास कुशवाहा खुशबू कुशवाहा अभय चौरसिया रीमा यादव कृष्ण प्रकाश मिश्रा वंदना कुशवाहा दत्त नायक आदि प्रतिभागी उपस्थित रहे l

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