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    निवर्तमान एडीजी जोन को कर्मचारियों द्वारा दी गई भावभीनी विदाई

    निवर्तमान एडीजी जोन को कर्मचारियों द्वारा दी गई भावभीनी विदाई

     बांसगांव सन्देश, गोरखपुर

     गोरखपुर। निवर्तमान एडीजी जोन  दावा शेरपा को  जोन कार्यालय के समस्त  कर्मचारियों व अधिकारियों ने नम आंखों से  भावभीनी  विदाई  देते हुए  एडीजी जोन सीबीसीआईडी  लखनऊ के पद पर  विदा किया। दावा शेरपा एडीजी जोन का कार्यकाल 3 साल एक माह रहा।उन्होंने अधिकारियों कर्मचारियों सामंजस बनाते हुए 3 वर्ष 1 माह ऐसे काट दिया किसी कर्मचारी व अधिकारी को पता भी नहीं चला। ऐसे मृदुल भासी आईपीएस अधिकारी को गोरखपुर जनपद सहित जोन के सभी अधिकारी व कर्मचारी तथा आम जनता सदैव याद करती रहेगी जो फरियादी अपने जिले के कप्तान व थाना प्रभारियों से खुश नहीं रहता था। वह एडीजी जोन कार्यालय का रुख करता था जिनके बातों को एडीजी जोन बखूबी सुनते हुए उन्हें संबंधित अधिकारियों को निस्तारण करने का फरमान जारी करते हुए निस्तारण कराने का काम करते थे जिसे सदैव याद किया जाएगा  ऐसा मृदुल भाषी राम भक्त जो समर्पण दान करते हुए 110000 राम मंदिर निर्माण में दान करना प्रतिदिन गरीबों को दान करना चिड़ियों को दाना खिलाना प्रत्येक सोमवार को मंदिर जाना दिनचर्या में शामिल रहा है जिसे एडीजी जोन कार्यालय के कर्मचारी गण सदैव निस्वार्थ कार्यों को याद करता रहेगा ।शासन द्वारा दावा शेरपा का तबादला सीबीसीआईडी एडीजी जोन लखनऊ के पद पर किया गया है उम्मीद किया जाता है कि सीबीसीआईडी कार्यालय में भी अपने निस्वार्थ कार्यों को अग्रसर रखने में अपनी अहम भूमिका निभाते रहेंगे। जोन में रहते हुए अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका निभाने वाले एडीजी जोन  कार्यालय के सभी कर्मचारियों ने अश्रुपूरित नम आंखों से दावा शेरपा को विदाई देते हुए लखनऊ के लिए विदा किया जिसे सदैव याद किया जाएगा।
     गौरतलब है कि गोरखपुर जोन में पहली बार एडीजी का पद सृजित हुआ था और उस पद की जिम्मेदारी दावा शेरपा को मिली थी जिसे तीन वर्षों तक सकुशलता पूर्वक अपने कार्यकाल  को सम्मान के साथ व्यतीत किया मूल रूप से दार्जिलिंग के रहने वाले शेरपा 1992 के आईपीएस अधिकारी है। वहीं 2008 से 2012 तक सेवा से अनुपस्थित थे और इस दौरान उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना बीआरएस के लिए आवेदन किया था हालांकि राज्य के गृह विभाग में वीआरएस के लिए योग्य नहीं होने की शर्त 20 साल पूरी न होने की वजह से आवेदन स्वीकार नहीं किया गया।
    2012 में यूपी में सक्रिय पुलिस सेवा में वापस लौटे, 2013 में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल डीआईजी और बाद में इंस्पेक्टर जनरल के पद पर तैनात हुए इसके बाद क्राइम ब्रांच सीबीआई की डिवीजन में पोस्टिंग हुई।
     इससे पहले 2000 में  एसपी कुशीनगर भी रह चुके हैं। उनका कार्यकाल बहुत ही तेज तर्रार रहा है, वहां जंगल पार्टी पर काबू पाना उनकी उपलब्धि‍यों में शामिल था।

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