ग्रामीणों ने पेश किया सामाजिक सद्भाव की मिसाल
मोतीराम अड्डा। बिना परिवार के आधी जिंदगी रामपुर चौराहे पर व्यतीत करने वाले संत का आज निधन हो गया। अपने शालीन स्वभाव और लोगों से बेहतर ढंग से बात करने से लोगों का वह चहेता रहे। साथ ही खुद्दारी भी ऐसी कि बिना मेहनत वह किसी का खाते नहीं थे। कुछ दिनों पहले चोट लगने से वह घायल हो गये थे। किन्तु लोगों के प्रेम का नतीजा था कि दवा आदि की तनिक भी उन्हें परेशानी नहीं हुई।
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि लगभग चार बजे के करीब उनका देहांत हो गया और इसकी खबर फैलते ही लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने चन्दा वसूल कर उनके दाह संस्कार की व्यवस्था की और शव को कंधा दिया। आगे के कार्यक्रम के संबंध में बताया गया कि स्थानीय लोगों द्वारा विधिवत ढंग से ब्रह्म भोज करने को विचार किया गया है।
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