Header Ads

ad728
  • Breaking News

    रैदास ने जातिविहीन समाज की स्थापना पर जोर दिया - जिज्ञासु



    संत रविदास जयंती पर विचार गोष्ठी संपन्न

    झंगहा गोरखपुर। श्यामा मल्ल महाविद्यालय अमहिया परिसर में रविदास जयंती के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके मुख्य अतिथि पड़ोही दास ने किया। कार्यक्रम के आयोजक डा. धन्नजय यादव ने मुख्य अथिति को शाल ओढाकर सम्मानित किया। 
    कार्यक्रम के मुख्य वक्ता योगेन्द्र यादव जिज्ञासु ने कहा - संत रैदास भक्ति काल के शिरोमणि कवि थे। जिन्होंने कर्म को श्रेष्ठ बताया और जातिविहीन समाज की स्थापना पर जोर दिया।
     प्राचार्य डा. धन्नजय यादव ने कबीर सुर तुलसी के योगदान पर विस्तृत विचार रखे।अपने संबोधन में उन्होंने तुलसी के राम राज्य और रैदास के बेगमपुरा अवधारणा पर बात रखते हुए रैदास की कल्पना को मौलिक बताया।
    रामचन्द्र महाविद्यालय के प्राचार्य डा. राकेश यादव ने कहा कि रैदास के विचार को समता मूलक बताया जो आज के युग में अत्यंत प्रासंगिक है।
    महाविद्यालय के प्रबंधक भगत सिंह ने रैदास के आचरण को अनुकरणीय बताया। चिंतक पुरुषोत्तम त्रिपाठी ने रैदास के विचार को जीवन और जगत के लिए जरूरी बताया। मुख्य अतिथि संत पड़ोही दास ने वाद्य यंत्र पर रैदास के भजन गा कर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया।
    अन्य वक्ताओं में शिक्षक वीरेंद्र यादव,अखिलेश त्रिपाठी ने भी अपने उल्लेखनीय विचार रखे। सभा में तमाम लोगों के अलावा विद्यासागर मल्ल, भास्कर मल्ल, फेकू और विद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे।
    कार्यक्रम की अध्यक्षता राम करण सिंह और संचालन डा. गरिमा ने किया।

    कोई टिप्पणी नहीं

    thanks for comment...

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728
    ad728