गगहा ः बदहाल मातृ शिशु कल्याण केंद्र बंद मिला
गगहा ः जानीपुर स्थित मातृ शिशु कल्याण केंद्र सरकार की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। शासन द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद आम लोगों को इस सरकारी केन्द्र का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जानीपुर स्थित मातृ शिशु कल्याण केंद्र की स्थिति खराब मिली। ग्रामीण रवि, आकाश, राजदेव, आलोक ने जिला प्रशासन से इसका ठीक से संचालन करा कर लोगों को सुविधाएं मुहैया कराए जाने की मांग की है।
गर्भवती महिलाओं को बेहतर सुरक्षित प्रसव सुविधा और बच्चों को नियमित टीकाकरण के लिए जानीपुर क्षेत्र के राजस्व गाँव नेवरा, बरईपुरा, झझवा, जगदीशपुर, मिश्रौली, परसिया, भरवलिया, बलिया सहित कुल 8 गांवों के हज़ारों लोगों की सुविधा के लिए खोले गए इस मातृ शिशु कल्याण केंद्र की हालत खस्ताहाल हैं। यहाँ विद्युत व्यवस्था भी नहीं दिखा।
बताते चलें कि सरकार ने इन केंद्रों को लाखों की कीमत से निजी भवन भी उपलब्ध कराए। लेकिन यहां तैनात एएनएम असुरक्षा की भावना के चलते केंद्रों पर नहीं आती हैं। इन महिला कर्मचारियोें को रात में भी केेंद्रों पर ठहरने के निर्देश हैं। इन केंद्रों में हर समय ताला ही जड़ा रहता है। ऐसे में न तो गर्भवती महिलाओं को बेहतर प्रसव सुविधा मिल पा रही है और न ही बच्चों का टीकाकरण ही हो पा रहा है। इससे प्रसव के लिए महिलाओं को दूर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है।
रास्ते ऊबड़-खाबड़ तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी अधिक होने से रास्ते में ही प्रसव हो जाते हैं। इससे प्रसव के बाद महिलाओं को शासन से दी जाने वाली 1400 रुपए की आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाती है।
जानीपुर का यह मातृ शिशु कल्याण केंद्र सरकार की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर सका।
इस संबंध मेें टेलीफोनीक पूछने पर यहाँ तैनात एएनएम जो लगभग 10 किमी. दूर कौड़ीराम में किराये का कमरा लेकर रहती हैं उन्होंने बताया कि महीने के पहले बुधवार को केंद्र खुलता है। आप सर से बात करें जब पूछा कि सर कौन तो उन्होंने फोन काट दिया।
वहीं आशा विद्यावती पाठक और संध्या ने बताया कि हम एएनएम के निर्देश पर गांव-गांव घूम कर पोलियो की खुराक व दवा आदि वितरित करती है, यहाँ प्रसव नहीं होता है।
कौड़ीराम स्वास्थ्य केेंद्र प्रभारी डॉ सन्तोष वर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया कि प्रधान व एएनएम के खाते में मेंटिनेंस का पैसा हर वर्ष आता है। उन्होंने क्यों नहीं कराया हम पता करते हैं। डीपीएम से जाँच कराते हैं।
जबकि सरकार द्वारा सभी एएनएम को नियमित केंद्र संचालन के निर्देश हैं।
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