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    एनसीईआरटी द्वारा जारी 11वीं कक्षा की बॉयलॉजी बुक में निकली गलती



    फैदम एकेडमी के शिक्षक अशफ़ाक़ अहमद ने किताब में दी गई एक जानकारी को बताया गलत
    गोरखपुर । जब देश की सबसे प्रतिष्ठित पुस्तक में ही गलत जानकारी प्रकाशित हो जाए तो फिर उस पुस्तक से प्रतियोगिता की तैयारी करने वालों का भगवान ही मालिक आज जब प्रतियोगी परीक्षाओं में एक नंबर के लिए बच्चे संघर्ष कर रहे हैं और यह एक नंबर उनके भविष्य को तय करने वाला हो तो फिर क्या कहना यह बात गोरखपुर के हरिओमनगर में स्थित फैदम एकेडमी के शिक्षक अशफ़ाक़ अहमद ने कही।
    यदि अशफ़ाक़ अहमद की माने तो देश की सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की कक्षा 11 की बायोलॉजी की पुस्तक कटघरे में है । 
    शिक्षक अशफाक अहमद ने इस पुस्तक के पेज नंबर 135 पर माइटोकांड्रिया के डीएनए के बारे में छपी जानकारी पर सवाल खड़ा करते हुए और जानकारी को गलत बताते हुए कहा की पुस्तक में छपी इस गलत जानकारी के द्वारा बच्चों के साथ ही साथ शिक्षक और उनके अभिभावक को भी भ्रम में डाला जा रहा है  ।
    उन्होंने दुनिया की 5 प्रसिद्ध पुस्तकों का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी पुस्तकों में लिखा है कि माइटोकांड्रिया में एक से अधिक कॉपी डीएनए पाया जाता है।
    शिक्षक अशफ़ाक़ अहमद ने अपनी बात के समर्थन में गेराल्ड कार्प की सेल एंड मॉलेक्युलर बायोलॉजी, लॉडिस, बार्क, स्कॉट व अन्य की लिखी मॉलेक्युलर सेल बायोलॉजी, डी रॉबर्ट टिस की सेल एंड मॉलेक्युलर बायोलॉजी, माइकल एम कॉक्स एंड नेलसन की प्रिंसिपल आफ बायोकेमेस्ट्री, डोनाल्ड एन्ड ज्युडिट वाएट की बायोकेमिस्ट्री (इंटरनेशनल स्टूडेंट वर्जन) जैसी विश्व स्तर पर मान्य 5 किताबों का हवाला भी दिया।
    बहरहाल यदि शिक्षक अशफाक अहमद के तथ्य सही हैं तो यह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के उस पैनल पर ही सवालिया निशान है जिसके निर्देशन में यह पुस्तक तैयार की गई है।

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