भागीरथी सांस्कृतिक मंच की 702वीं काव्य गोष्ठी सम्पन्न
गोरखपुर। भागीरथी सांस्कृतिक मंच की 702वीं काव्य गोष्ठी शाही मार्केट गोरखपुर स्थित सिनेमा स्कूल में संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता चंद्र चन्द्रगुप्त प्रसाद वर्मा "अकिंचन" ने व संचालन प्रदीप मिश्र ने किया। काव्य गोष्ठी की विधिवत शुरुआत कवि प्रदीप की वाणी वंदना से हुई। डा. अविनाश पति त्रिपाठी ने नेता की एक परिभाषा दी-
इंसान को इंसान के खून का प्यासा बना डाला ।
पिया जो गरीबों का लहू उसे नेता बना डाला।
आज के सियासत पर तंज करते हुए वरिष्ठ शायर डा .बहार गोरखपुरी ने शेर कहा - हमने जमकर सीख लिया है झूठ का कारोबार ।अब तो यारों खूब चलेगा अपना व्यापार। बंगाल चुनाव पर कटाक्ष करते हुए सत्य नारायण "पथिक" ने गीत प्रस्तुत किया-
टूट रहे हैं जुड़कर सारे ऐसे में भला क्या होगा । अंधे की लाठी को यारों काना फिर थामे होगा। नीलकमल गुप्त विक्षिप्त रामसमुझ सांवरा त्रिपुरारी शर्मा अनाम अरुण दास ब्रह्मचारी प्रदीप मिश्र नंद कुमार त्रिपाठी चंद्रगुप्त प्रसाद वर्मा अकिँचन आदि कवियों ने भी काव्य पाठ प्रस्तुत किया।
श्रोताओं में सिनेमा स्कूल के रंगकर्मी उपस्थित रहे। सत्यनारायण "पथिक" ने अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
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