ढोल बाजै झलकियां, मृदंग आ मंजीरा, सर रर रर कहि लोग गावेला जोगीरा
गोरखपुर। भागीरथी सांस्कृतिक मंच गोरखपुर द्वारा 703वीं काव्य गोष्ठी अभियान ग्रुप आफ थिएटर के संयुक्त तत्वावधान में शाही मार्केट में होली मिलन के साथ संपन्न हुई। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि चंद्रगुप्त प्रसाद वर्मा अकिँचन ने व संचालन सत्य नारायण 'पथिक' ने किया। सत्य नारायण पथिक की वाणी वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कवि राजेश श्रीवास्तव ने होली पर प्रिय से मनुहार किया- मृगनयनी कजरारी अंखियां क्या कहती हैं होली में। चुपके से दिल में आ जाना रहना मन की खोली में।। कवि त्रिपुरारी शर्मा 'अनाम' ने फाग गीत प्रस्तुत किया - ढोल बाजै झलकियां, मृदंग आ मंजीरा । सर रर रर कहि लोग गावेला जोगीरा।। कवि कुमार अभिनीत ने होली के साथ ही बढ़ रहे कोरोना पर चिंता जताई - आइल कोरोना देखsपरल बा सुनाई,तनि बचाई रहिहs । एकर न कवनो बा दवाई तनि बचाई रहिहs ।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि चंद्रगुप्त प्रसाद वर्मा अकिंचनजी ने हिन्दुओं के पहचान पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा - आपने गौरव ढूंढे भारत में, हिंदू के पहचान कहां बा? बोलअ नेहरू बोला गांधी, आपन हिंदुस्तान कहां बा ।।
अन्य जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम है - दानिका प्रसाद विश्वकर्मा, निरंकार शुक्ल साकार, राम सुधार सिंह सैंथवार, जय प्रकाश नायक , नीलकमल गुप्त विक्षिप्त , अरुण ब्रम्हचारी, द्वारिका तिवारी,सत्य नारायण पथिक, आदि।
श्रोताओं में युसूफ भाई व संजीव सिन्हा एवं सिनेमा स्कूल के कलाकार उपस्थित रहे। अंत में सत्यनारायण पथिक ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया ।
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