गगहा ः श्रीमद् भागवत कथा में मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव
गगहा क्षेत्र के अंतर्गत हटवा गांव में शिव मंदिर सेवा समिति के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन रविवार से महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर कथा वाचन का कार्यक्रम चल रहा है जिसके कथा वाचक नीरज शास्त्री हैं यह अयोध्या से चलकर आए हुए हैं
कथावाचक नीरज शास्त्री ने आज के कथा में देवकी और वासुदेव की जीवन गाथा को सुनाएं उन्होंने सुनाया की देवकी जब शादी करने योग्य हो गई तो कंस ने सोचा कि अपनी बहन की शादी बड़ी धूमधाम से करके हम विदा करेंगे लेकिन देवकी की शादी संपन्न होने के उपरांत कंस खुद अपनी बहन देवकी और वासुदेव को जब अपने रथ से देवकी के ससुराल पहुंचाने के लिए चला तब अचानक आकाशवाणी हुई की ऐ दुष्ट कंस जिस बहन को तू इतनी खुशी खुशी विदा कर रहा है उसी बहन के गर्भ से तेरा वध करने वाला जन्म लेगा आकाशवाणी सुनते ही कंस को एकाएक झटका लगा और वह सोचा देवकी के गर्भ से मेरा काल पैदा होगा तो मैं क्यों नहीं से कारागार में डाल दूं यह सोचकर अपनी बहन देवकी और बहनोई वासुदेव को कारागार में डलवा दिया और सैनिकों की कड़ी से कड़ी पहरा लगा दिया लेकिन जब भगवान का अवतार लेना हुआ तो सारे सैनिक सो गए कारागार के दरवाजे खुल गए और वासुदेव जी भगवान कृष्ण को आधी रात में नंद बाबा के घर ले जाने के लिए निकल लिए जैसे ही यमुना नदी में प्रवेश की माता गंगा प्रभु के चरण छूने के लिए बढ़ने लगी जिसे वासुदेव भयभीत होगा तब भगवान कृष्ण ने अपनी चरण को सूप से बाहर कर दिए और गंगा जी चरण स्पर्श करते ही नीचे चली गई इस प्रकार वासुदेव जी कृष्ण को लेकर नंद बाबा के घर सुरक्षित रूप से पहुंच गए अर्थात जब दुष्टों का नाश करना होता है भगवान किसी न किसी तरह से इस धरती पर अवतार ले लेते हैं इसलिए मनुष्य को हमेशा अपने जीवन में गलत काम करने या पाप करने से पहले मन में विचार कर लेना चाहिए कि हम गलत रास्ते पर जा रहे हैं कि सही रास्ते पर जा रहे हैं ।
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