भगवान की कथा सुनने से सारी व्यथा हो जाती है दूर
क्षेत्र के डाँडी खास में चल रहे रु
द्र महायज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में कथावाचक अमरनाथ महाराज रामायणी ने श्रोताओं को रामायण कथा का रसोपान कराते हुये कहा कि भगवान की कथा सुनने से सारे पाप नाश हो जाते है ऐसा न करने वालों को दुःखो के साथ प्रायश्चित उठाना पड़ता है।इसके प्रमाण में उन्होनो कहा कि एक बार भगवान शंकर कैलाश पर्वत से उतरकर माता सती के साथ कुम्बज ऋषि के आश्रम में कथा सुनने को आये तो कुम्बज ऋषि स्वयं भगवान शंकर का सत्कार एवं दण्डवत प्रणाम किये जिसके बाद ऐसा देख माता के अंदर पूर्वाग्रह प्रवेश कर गया और माता कथा सुनने से इंकार कर दिया।ऐसा करने पर भगवान ने उन्हें बहुत समझाया लेकिन वे कथा सुनने को तैयार नही हुई।जिसका परिणाम हुआ कि भगवान शंकर ने माता सती का त्याग कर दिया।जिसके कारण उन्हें जिंदगी भर दुःखो का सामना करना पड़ा।इस लिये भगवान की कथा प्रेम और भक्ति भाव के साथ सुननी चाहिये क्योंकि भगवान की प्राप्ति परीक्षा एवं समीक्षा से नही बल्कि प्रतीक्षा से होती है।
कथा के दौरान बाबा रामसेवक दास जी,यज्ञाचार्य बाबा रामस्वरूप दास जी, संगम यादव,सूरज यादव,छोटेलाल गुप्ता,अमित गुप्ता,दिनेश गुप्ता,बहरैची जायसवाल,विवेकानंद जायसवाल,दीनानाथ जायसवाल,कीर्तन जायसवाल,गुड्डु सिंह,शैलेश मिश्रा,दिलीप यादव,अशोक यादव,शिवकांत मिश्रा प्रवीण मिश्रा शिवनरायन जयसवाल विध्यनन्द जयसवाल अविनाश सूरज आदि लोग उपस्थित रहे।
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