सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की याचिका की खारिज
याचिका में पति के साथ रहने की इच्छा जताई गई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "शादियां दोनों हाथों से काम करती हैं, न कि एक से. पति से 14 साल अलगाव के बाद आप विवाह में उसी आदमी के साथ रहना चाहती हैं जिसको आपने छोड़ दिया था?" 14 साल अलगाव के बाद पति संग रहने की जागी इच्छा गौरतलब है कि पति की जब आंखों की रोशनी जाने लगी थी, तब महिला ने 2007 में वैवाहिक घर छोड़ दिया था. बाद में, तलाक के लिए पति की अर्जी दायर करने पर उसने शख्स और उसकी बहन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया.सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की याचिका खारिज कर दी. याचिका में पति के साथ रहने की इच्छा जताई गई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "शादियां दोनों हाथों से काम करती हैं, न कि एक से. पति से 14 साल अलगाव के बाद आप विवाह में उसी आदमी के साथ रहना चाहती हैं जिसको आपने छोड़ दिया था?" 14 साल अलगाव के बाद पति संग रहने की जागी इच्छा गौरतलब है कि पति की जब आंखों की रोशनी जाने लगी थी, तब महिला ने 2007 में वैवाहिक घर छोड़ दिया था. बाद में, तलाक के लिए पति की अर्जी दायर करने पर उसने शख्स और उसकी बहन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया.सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की याचिका खारिज कर दी. याचिका में पति के साथ रहने की इच्छा जताई गई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "शादियां दोनों हाथों से काम करती हैं, न कि एक से. पति से 14 साल अलगाव के बाद आप विवाह में उसी आदमी के साथ रहना चाहती हैं जिसको आपने छोड़ दिया था?" 14 साल अलगाव के बाद पति संग रहने की जागी इच्छा गौरतलब है कि पति की जब आंखों की रोशनी जाने लगी थी, तब महिला ने 2007 में वैवाहिक घर छोड़ दिया था. बाद में, तलाक के लिए पति की अर्जी दायर करने पर उसने शख्स और उसकी बहन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया.सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की याचिका खारिज कर दी. याचिका में पति के साथ रहने की इच्छा जताई गई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "शादियां दोनों हाथों से काम करती हैं, न कि एक से. पति से 14 साल अलगाव के बाद आप विवाह में उसी आदमी के साथ रहना चाहती हैं जिसको आपने छोड़ दिया था?" 14 साल अलगाव के बाद पति संग रहने की जागी इच्छा गौरतलब है कि पति की जब आंखों की रोशनी जाने लगी थी, तब महिला ने 2007 में वैवाहिक घर छोड़ दिया था. बाद में, तलाक के लिए पति की अर्जी दायर करने पर उसने शख्स और उसकी बहन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया.सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की याचिका खारिज कर दी. याचिका में पति के साथ रहने की इच्छा जताई गई थी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, "शादियां दोनों हाथों से काम करती हैं, न कि एक से. पति से 14 साल अलगाव के बाद आप विवाह में उसी आदमी के साथ रहना चाहती हैं जिसको आपने छोड़ दिया था?" 14 साल अलगाव के बाद पति संग रहने की जागी इच्छा गौरतलब है कि पति की जब आंखों की रोशनी जाने लगी थी, तब महिला ने 2007 में वैवाहिक घर छोड़ दिया था. बाद में, तलाक के लिए पति की अर्जी दायर करने पर उसने शख्स और उसकी बहन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करायापरिजनों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के झूठे मुकदमे दर्ज कराने से सुलह की तमाम कोशिश नाकाम हो गई. इस आधार पर निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक ने उसकी तलाक की मंजूरी को बरकरार रखा. महिला ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने महिला के वकील दुष्यंत पराशर की तलाक रद्द करने की मांग और पति के साथ रहने की इच्छा पर याचिका को खारिज दिया.परिजनों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के झूठे मुकदमे दर्ज कराने से सुलह की तमाम कोशिश नाकाम हो गई. इस आधार पर निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक ने उसकी तलाक की मंजूरी को बरकरार रखा. महिला ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने महिला के वकील दुष्यंत पराशर की तलाक रद्द करने की मांग और पति के साथ रहने की इच्छा पर याचिका को खारिज दिया।
कोई टिप्पणी नहीं
thanks for comment...