गगहा ःप्राचीन काल से ही महिलाएं पुनीत कार्य के लिए अग्रसर रही हैं (प्रीति सिंह)
प्राचीन काल से चली आ रही
परंपरा पर यदि नजर डाले तो महिलाएं हमेशा नेतृत्व के मामले में आगे रही हैं। वैदिक युग की बात करें तो आर्यवत जैसे राष्ट्र बनाने में गार्गी, मैत्री, अरुंधति का योगदान रहा है। पौराणिक रूप से अगर बात करें तो हम राजा दशरथ के युद्ध के अवसर पर उनके सारथी के रूप में काम करने वाली रानी कैकेई रही। जब उनके रथ का पहिया टूट गया तब रानी कैकेई ने युद्ध में अपने हाथ को घूरी की जगह रखकर राजा दशरथ को युद्ध जीताया। आधुनिक युग में रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई जैसे कई नाम है। आजाद हिंद फौज में एक पलटन का नेतृत्व करने वाली लक्ष्मी सहगल तथा कई ऐसी महिलाओं ने देश के निर्माण में अपना योगदान दिया है। प्रथम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से लेकर, विदेश मंत्री स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज आईपीएस किरण बेदी ने महिलाओं के वर्चस्व को स्थापित किया है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि हर युग में महिलाओं ने अपना सशक्त योगदान से अपने परिवार समाज राष्ट्र तथा विश्व की उन्नति में अग्रसर रही हैं।
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