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    स्‍पेस की रहस्‍यमई दुनिया पर रिसर्च करेंगे डीडीयू प्रोफेसर



    गोरखपुर।बांसगांव संदेश।दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दो शिक्षक तारों की दुनिया के रहस्यों पर अध्ययन करेंगे। गणित विभाग के प्रो. सुधीर कुमार श्रीवास्तव व डा. राजेश कुमार डूबते तारों की चाल की गणितीय संरचना पर शोध करेंगे। उनके इस प्रस्ताव को शासन से मंजूरी मिल गई है। इसके लिए शासन ने 10 लाख चार हजार रुपये जारी कर दिए हैं।
    तारों के जीवनचक्र को समझना चुनौतीपूर्ण:-

    दोनों शिक्षकों ने बताया कि तारे के जीवनचक्र को समझना आज भी वैज्ञानिकों के लिए चुनौतीपूर्ण है। तारे का जन्म ब्रह्मांड में मौजूद विशालकाय वैश्विक धूलों (नेबुला) के संगठन से होता है। अंतरिक्ष में मौजूद तारे अधिकांशत: हाइड्रोजन, हीलियम से बने विशालकाय पिंड होते हैं। तारों के केंद्र में नाभिकीय संलयन की प्रक्रिया चलती रहती है। समय के साथ भौतिक एवं ज्यामितीय परिवर्तन होते रहते हैं। इस प्रक्रिया को ग्रेविटेशनल कोलेप्स कहा जाता है। इन प्रक्रियाओं के दौरान तारे व्हाइट होल, न्यूट्रान स्टार, ब्लैक होल के रूप मे परिवर्तित होते रहते हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक आज तारों में ग्रेविटेशनल कोलेप्स के भौतिक एवं ज्यामिति गुणों का अध्ययन कर रहे हैं।

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