अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया
गोरखपुर। फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी हुकूमत उत्तर प्रदेश एवं उर्दू प्रेस क्लब फैजाबाद के तत्वावधान में मोहल्ला रायगंज वजीर मंजिल के हाल मे एक अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन गोरखपुर में किया गया। इसकी अध्यक्षता शहर के वरिष्ठ शायर जालिब नोमानी ने की। संचालन का दायित्व हिलाल बदायूनी ने निभाया।
मुख्य अतिथि राकेश श्रीवास्तव सदस्य संगीत नाटक एकेडमी उत्तर प्रदेश रहे। सरपरस्त मुशायरा शमशाद आलम एडवोकेट और गोरखपुर शहर की पूर्व मेयर डॉक्टर सत्या पांडे के हाथों से दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। मुशायरा बेहद कामयाब रहा, शहर के बाजोक श्रोता कार्यक्रम की शोभा बने रहे।
पसंदीदा शेर दिलचस्पी के लिए हाजिर है।
हमने सोचा कि दिल जला डाले।
फिर खयाल आया दिल में तू भी है।।
अज्म शाकरीय दिल्ली
बहुत बुलंद फजा में तेरी पतंग सही,
मगर यह सोच जरा डोर किसके हाथ में है।।
जमील खैराबादी
हम कहां मुफलिसी से डरते हैं,
सिर्फ शर्मिंदगी से डरते हैं।।
हामिद भुसावली महाराष्ट्र
या रब हयाती खिज्र मेरी मां को कराता,
मुझसे जनाजा मां का उठाया ना जाएगा।
नासिर फराज उड़ीसा
मुझको घर से निकाल मत बेटे,
तेरे बचपन की मैं सवारी हूं।।
दीदार बस्तवी
सफर से लौटकर रखता हूं जब घर मे कदम अपने,
खिलौने गर नहीं होते बच्चे रूठ जाते हैं।।
तनवीर जलालपुरी
आपकी सोचा है उसकी यादों के हर दुपट्टे पर दिल बनाऊंगी।।
शाइस्ता सना
मदद करने की आदत मुझको हज करने नहीं देती,
परीशा हो अगर कोई गुल्लक फोड़ देता है
जमशेद फैजाबादी
मेरे निकाह से पहले यह बात लिख देना,
तुम अपनी मैहर में मेरी हयात लिख देना।।
हिलाल बदायूनी
साथ ही साथ अचानक माउवी, डॉ आनंद ओझा, डॉक्टर सरफराज नवाज,मिन्नत गोरखपुरी, डॉक्टर चारूशीला सिंह, शाकिर अली शकीर, वसीम मजहर गोरखपुरी आदि ने काव्य पाठ किया। अंत में कार्यक्रम संयोजक जलाल सिद्दीकी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।
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