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    कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के दृष्टिगत दीवानी न्यायालय संचालन के सम्बंध में जारी दिशा-निर्देश




    बहराइच । बाँसगावं संदेश (बी0 एन0 सिंह)। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से बचाव के सम्बन्ध में जनपद न्यायालय बहराइच में बरती जा रही सावधानियांें के सम्बन्ध में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती शिखा यादव ने बताया कि माननीय उच्च नयायालय, इलाहाबाद के निर्देशानुसार मा. जनपद न्यायाधीश सुरेन्द्र प्रसाद मिश्र, द्वारा जिला बार एसोसिएशन, बहराइच के पदाधिकारियों से विचार विमर्श किया गया। बार केे पदाधिकारियों द्वारा जनपद न्यायाधीश के संज्ञान में लाया गया कि कुछ अधिवक्ताओं के पास वीडियो कान्फंे्रसिग हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध न होने के कारण वह अपने आवास से इलेक्ट्रानिक मोड में वादों की सुनवाई करने में असमर्थ है। इसके साथ ही नेटवर्क कभी-कभी ठीक न होने की भी एक बड़ी समस्या है, जिसके कारण न्यायालय  में सुनवाई बाधित होती है। अधिवक्तागण के पक्ष को सुनने के उपरान्त माननीय जनपद न्यायाधीश द्वारा यह पाया गया कि यदि समय सारणी के अनुसार मात्र इलेक्ट्रानिक मोड में सुनवाई की जाती है तो यह सम्भावना है कि सभी अधिवक्तागण न्यायालय परिसर में एक ही स्थान पर एकत्रित होकर वीडियो कान्फें्रसिंग के द्वारा सुनवाई करेंगे, जिससे उस स्थान पर अत्यधिक भीड़ एकत्रित हो जायेगी और भौतिक दूरी का प्रभावी रूप से अनुपालन नहीं हो पायेगा। इसके विपरीत यदि अधिवक्तागण विभिन्न न्यायालयों पर जाकर भौतिक रूप से सुनवाई करते हैं तो भौतिक दूरी का उचित अनुपालन सम्भव हो पायेगा। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार कोरोना के फैलाव के रोकथाम हेतु सभी न्यायालयों के डायस पर फ्लेक्सी सीट्स लगायी जा चुकी है। 

    सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच द्वारा यह भी बताया गया कि सभी न्यायिक अधिकारियों को मा. उच्च न्यायालय द्वारा लैपटाॅप दिये गये हैं। माननीय जनपद न्यायाधीश बहराइच एवं माननीय प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायायल बहराइच के आदेशानुसार यदि कोई अधिवक्ता यह चाहते हैं कि उनके वाद की सुनवाई वीडियो कान्फे्रसिंग से की जाय तो उस परिस्थिति में सिस्टम आफिसर द्वारा जनपद न्यायालय बहराइच की ईमेल-बहराइच ईकोर्ट एट द रेट जीमेल डाट काम के माध्यम से सम्बन्धित अधिवक्ता को उनके वाद का लिंक प्र्रेषित किया जायेगा। इसी ई-मेल आई0डी0 पर अधिवक्तागण अपने समस्त प्रार्थना-पत्र प्रेषित करेंगे और कोई भी प्रार्थना-पत्र कम्प्यूटर अनुभाग में भौतिक रूप से अग्रिम आदेश तक नहीं लिया जायेगा। अण्डर ट्रायल बन्दियों के रिमाण्ड आदि से सम्बन्धित न्यायिक कार्य वीडियो कान्फे्रंेसिंग के माध्यम से ही की जायेगी। माननीय जनपद न्यायाधीश, बहराइच के पूर्व आदेश के अनुसार मात्र उन्हीं अधिवक्तागण को न्यायालय परिसर में प्रवेश मिलेगा जिनका आर0टी0-पी0सी0आर टेस्ट निगेटिव होगा। शेष सभी अधिवक्तागण एवं उनके क्लर्क तथा स्टाम्प विके्रता आदि का न्यायालय परिसर एवं परिवार न्यायालय में प्रवेश अग्रिम आदेश तक पूर्णतया वर्जित है। समस्त न्यायालयों को यह निर्देशित किया गया है कि उनके द्वारा मात्र अति आवश्यक प्रकृति के वाद सुने जायेंगे जैसे कि फे्रश जमानत प्रार्थना-पत्र, रिलीज, धारा 164 द0प्र0सं0 के बयान अंकित किये जाने एवं रिमाण्ड आदि। इसके अतिरिक्त रोटेशन के आधार पर एक बार में मात्र एक न्यायिक अधिकारी को ही रिमाण्ड एवं बयान अन्तर्गत धारा 164 द0प्र0सं0 अंकित किये जाने का कार्य दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त माननीय प्रधान न्यायाधीश बहराइच द्वारा भी समस्त परिवार न्यायालयों को मात्र अति आवश्यक प्रकति के वादों की सुनवाई हेतु निर्देशित किया गया है जो 01 मई 2021 से पूर्वाह्न 10ः00 बजे से 10ः30 बजे के मध्य की जायेगी। 

    सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने-अपने न्यायालयों में कम से कम कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगें और कार्य समाप्ति के पश्चात् तत्काल न्यायालय परिसर छोड़ दे। इसके साथ ही, माननीय जनपद न्यायाधीश बहराइच द्वारा नितिन पाण्डेय, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बहराइच को तथा माननीय प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय बहराइच द्वारा श्रीमती पूनम पाठक अपर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय बहराइच को बहराइच जनपद के समस्त न्यायिक अधिकारियों एंव न्यायालय के कर्मचारीगण तथा उनके परिवारजनों के कोविड-19 के उचित जांच एवं चिकित्सकीय परीक्षण हेतु जिला एवं राज्य स्तर के नोडल अधिकारियों से आवश्यक समन्वय स्थापित करने हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया।

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