सहजनवा कानूनगो के ऊपर फिर लगा भ्रष्टाचार का आरोप जिम्मेदार कौन
गोरखपुर के सहजनवा तहसील में भ्रष्टाचार का पूरी तरह से बोलबाला नजर आ रहा है तहसील के जिम्मेदार अधिकारी मौन धारण कर सांसे ले रहे हैं*
गोरखपुर जिला के सहजनवा तहसील में कार्यरत कानूनगो मकसूद अली पर बार-बार पीड़ितों द्वारा धन उगाही करने का आरोप लगता रहा एवं कानूनगो के ऊपर कारवाई करने के लिए पीड़ितों द्वारा उच्च अधिकारियों से लेकर के तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी भ्रष्टाचार में लिप्त कानूनगो के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती है कानूनगो के ऊपर जमीन में पट्टा कराने के नाम,पत्थर नशाब के नाम पैमाइश या उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच करने के नाम पर धन उगाही करने का मामला सुर्खियों में बना रहा वही पीड़ित रामचंद्र शर्मा ने बताया कि कानूनगो मकसूद अली पीड़ित से कहते हैं कि एसडीएम और तहसीलदार को पैसा देकर के मिलाना पड़ेगा और तभी जाकर आपका कार्य हो पाएगा पीड़ितों से यह कहकर अधिक धन की मांग करके ले लेते हैं वहीं कानूनगो मकसूद अली के क्षेत्र एवं हल्के में जब धन उगाही का बाजार गर्म दिखा और फरियादियों ने आरोप लगाना शुरू कियाकब तहसील के जिम्मेदार अधिकारियों ने इनका दूसरे हल्के में ट्रांसफर कर दिया और अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति ले ली इतना कुछ होने के बाद भी फिर कानूनगो ने पीड़ितों से अधिकारियों के नाम पर अपने हल्के में धन लेना शुरू कर दिया और फिर फरियादियों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया और फिर एक बार सुर्ख़ियों में भ्रष्टाचार लिप्त कानूनगो के ऊपर एक ताजा आरोप धन उगाही को लेकर के लगा ताजा मामला जैतपुर निवासी रामचंद्र शर्मा पुत्र कृपाल ने बताया कि मेरे घर का मामला है कुछ लोगों ने मेरे आवा स को जबरदस्ती कब्जा कर लिए है उसको खाली कराने के लिए आदेश हुआ था जिसके अनुपालन में कानूनगो मकसूद अली जांच करने गए और कब जा हटवाने के नाम पर पीड़ित से कहें कि एसडीएम और तहसीलदार साहब को पैसा देना पड़ेगा इसके बाद 400000 दे दो तो काम हो जाएगा उसके बाद पीड़ित ने मकसूद को ₹400000 दे दिया लेकिन जब काम नहीं हुआ पीड़ित ने अपना पैसा मांगना शुरू किया उसके बाद पीड़ित का काम भी ना हुआ पैसा भी ना मिला तब पीड़ित ने उच्च अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देना शुरू किया उसी क्रम में पीड़ित रामचंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत किया चौंकाने वाला मामला तब सामने आया पोर्टल पर शिकायत का जवाब लगाया गया कि मकसूद अली रामचंद्र शर्मा से ₹400000 लिए लेकिन वह ₹400000 काम काम कराने के एवज में नहीं बल्कि रामजस शर्मा से कर्जा के रूप में लिया गया इस बात को इनके द्वारा स्वीकार किया गया इतना कुछ होने के बाद भी यहां के जिम्मेदार अधिकारी कानूनगो पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की और मामले को दबाते नजर आ रहे हैं वही पीड़ित तहसील से लगाए जिले के उच्च अधिकारियों तक अपनी फरियाद कर रहा है अब उसको देखना है कि मुख्यमंत्री के शहर में क्या इस पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद है या इस भ्रष्टाचार में इसकी आवाज दब जाएगी यह तो जांच का विषय है इसी क्रम में एक फरियादी और मिला ब्रह्म देव ने भी मकसूद अली पर ₹10000 पत्थर नश ब के नाम पर धन उगाही करने का आरोप लगा वही कुछ दिनों पूर्व हरपुर थाना क्षेत्र के जिगना निवासी ने भी आरोप लगाया था कि पट्टे के नाम पर उससे भी लगभग ₹20000 की धन उगाही की गई थी जब मामला गरम हुआ तो अधिकारियों ने मामले को दबाने का भरपूर प्रयास किया
अब देखना है कि तहसील के जिम्मेदार अधिकारी इन सभी आरोपों को देखते हुए क्या कोई उचित कार्यवाही करेंगे।
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