Header Ads

ad728
  • Breaking News

    अंर्तराष्ट्रीय साइकलिस्ट हीरालाल का भ्रमण के दौरान आगरा में हुआ निधनl

    सायकिल भ्रमण में नापी थी दुनियां की दूरी भारत की महान विभूतियों ने किया था सम्मानित



    अंर्तराष्ट्रीय साइकलिस्ट हीरालाल का भ्रमण के दौरान आगरा में हुआ निधन


    बिना सीट वाली सायकिल से विश्व के कई देशों का किया भ्रमण

    ककरही / गोला । अंर्तराष्ट्रीय साइकलिस्ट एवं कवि हीरालाल यादव ने अपने अदम्य साहस एवं बुलंद हौसले से बिना सीट वाली सायकल द्वारा विश्व के कई देशो का भ्रमण कर लोगो के लिये एक नाजिर पेश किया।इनके इस सफलता पर भारत के कई महान विभूतियों ने उन्हें समय समय पर सम्मानित करने का भी काम किया।मौत से पहले भी वे भ्रमण पर ही निकले थे।लेकिन उन्हें क्या पता था यह यात्रा उनके जीवन की अंतिम यात्रा साबित होगी।


    अंर्तराष्ट्रीय साइकलिस्ट हीरालाल का भ्रमण के दौरान आगरा में हुआ निधन


    बताते चलें कि हीरालाल यादव का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में अब से  60 वर्ष पहले गोला तहसील क्षेत्र के सिधारी गावं में पिता स्व रामअधार के घर हुआ था।वे छह भाई एवं दो बहनों के बीच  तीसरे नंबर पर थे।बचपन मे गांव के प्राथमिक विद्यायल से पढ़ाई का ककहरा पढ़ने एवं सीखने के बाद वे किसी तरह से आनंद विद्यापीठ इण्टर कालेज ककरही से इंटरमिडिएट की पढ़ाई पूरी की।बीतते समय के बाद जब उन्होने जवानी की दहलीज पर कदम रखा तो पिता ने उनकी शादी उनके जीवन संगिनी शकुंतला से कर दी।कुछ दिनों बाद वे रोजी-रोटी की तलाश में मुम्बई के निकल गये जहाँ पर उन्होने रहकर नौकरी के लिये काफी संघर्ष किया लेकिन उनके मुताबिक कोई सही रोजगार नही मिला जिसके बाद उन्होने स्वयं की एक सब्जी की दुकान खोली।जिससे किसी तरह जिंदगी की गाड़ी धीरे-धीरे पटरी पर दौड़ने लगी। इसी दौरान इन्हें जगदीप एवं प्रदीप नाम के दो पुत्रों का जन्म भी हुआ।जो बढ़ती उम्र के साथ पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने नौकरी व्यवसाय में लग गये।इधर हीरालाल का मन धीरे-धीरे परिवारिक मोह माया से विचलित होता चला ।अंतोगत्वा  इन्होंने सायकल द्वारा कुछ अलग करने की ठानी और अपने साहस एवं बुलंद हौसले से बिना सीट वाली सायकिल द्वारा भारत एवं विश्व भ्रमण करने का इरादा बना लिया और कुछ दिनों बाद भ्रमण पर निकल भी गये।


    अंर्तराष्ट्रीय साइकलिस्ट हीरालाल का भ्रमण के दौरान आगरा में हुआ निधन

    नतीजा हुआ कि उन्होने अपने फौलादी इरादों से वियतनाम मॉरीशस इंडोनेशिया  मलेशिया थाईलैंड नेपाल बांग्लादेश श्रीलंका सूरीनाम वियतनाम आदि देशों का भ्रमण किया और वहाँ के राजनयिकों अधिकारियों आदि के द्वारा सम्मानित हुये तथा लोगो वहाँ के लोगो को अपने देश की सभ्यता और संस्कृत की पहचान भी बताते हुये अवगत कराया।इसी तरह से भारत के मुम्बई कलकत्ता चेन्नई बैंगलौर पंजाब लखनऊ पटना आदि भारतीय शहरो में भी साइकिल द्वारा पहुँचकर वहाँ के प्रमुख हस्तियों से मिले तथा कॉलेज व विश्विद्यालय के सेमिनारों में चीफ गेस्ट बनकर लोगो से अपनी उपलब्धियों और अनुभव को बॉटने का काम किया तथा स्वरचित कविताओं से लोगो मे ऊर्जा भरने एवं गुदगुदाने का काम किया ।यही कारण रहा कि भारत के मिसाईल मैन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पूर्व रक्षा मंत्री व सीएम मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव आदि ने उन्हें समय समय पर सम्मानित करने का काम किया।आज हीरालाल यादव हम सभी के बीच नही है लेकिन उनकी कर्तव्यनिष्ठा एवं समर्पण लोगो के लिये सदैव प्रेरणाश्रोत व यादगार का काम करेगी।

    कोई टिप्पणी नहीं

    thanks for comment...

    Post Top Ad

    ad728

    Post Bottom Ad

    ad728
    ad728