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    लालू यादव के परिवार वालों को 12 दिन बाद याद आया शहाबुद्दीन का परिवार, सीवान पहुँचे तेजप्रताप


    लालू यादव के परिवार वालों को 12 दिन बाद याद आया शहाबुद्दीन का परिवार, सीवान पहुँचे तेजप्रताप

    रामपुर बुजुर्ग, देवरिया। बांसगांव संदेश (रामाश्रय यादव)

    बिहार:  सीवान से पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत के बाद से उनके बेटे ओसामा शहाब से सत्तापक्ष और विपक्ष के तमाम नेता मुलाकात कर रहे हैं। वहीं, लालू परिवार को 12 दिनों के बाद शहाबुद्दीन परिवार की याद आई है। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव बुधवार को शहाबुद्दीन का परिवार से मिलने के लिए सीवान के प्रतापपुर पहुंचे हैं।

    कोरोना गाइडलाइन के तहत तेजप्रताप यादव ने इसकी लिखित सूचना डीजीपी से लेकर सीवान के डीएम और एसपी को दे दी है। तेजप्रताप यादव सीवान में शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब से मुलाकात करेंगे। पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत के बाद ये पहला मौका है जब लालू प्रसाद यादव के परिवार का कोई सदस्य शहाबुद्दीन के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचा है।शहाबुद्दीन के निधन के दिन से अब तक लालू परिवार किसी भी सदस्य ने ना तो दिल्ली और ना ही सीवान के प्रतापपुर जाकर मुलाकात की थी, जिस कारण शहाबुद्दीन के समर्थकों में लालू परिवार के इस रवैए को लेकर काफी नाराज माने जा रहे हैं। ऐसे में शहाबुद्दीन के परिवार और उनके समर्थकों की इसी नाराजगी को कम करने के लिए तेज प्रताप यादव गुरुवार को प्रतापपुर पहुंचे हैं।

    हालांकि, आरजेडी की वर्चुअल मीटिंग की शुरुआत लालू यादव ने शहाबुद्दीन को श्रद्धांजलि देने के साथ की। वहीं, तेजस्वी यादव के करीबी और चहेते बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने सिवान पहुंचकर शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं रीतलाल यादव के साथ आरजेडी के पूर्व विधायक अनवर आलम को ओसामा से मिलने के लिए प्रतापपुर पहुंचे थे।

    आरजेडी नेताओं के बाद नीतीश कुमार के करीबी जेडीयू नेता व विधान पार्षद सदस्य राधाचरण साह उर्फ सेठजी ओसामा से मुलाकात के लिए सिवान पहुंचे थे। राधाचरण जेडीयू से पहले आरजेडी में रह चुके हैं. इतना ही नहीं रघुनाथपुर से आरजेडी विधायक हरिशंकर यादव ने 8 मई को अपने बयान में कह दिया था कि वो आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नहीं जानते हैं। विधायक ने कहा है कि वो शहाबुद्दीन और हिना शहाब परिवार के लिए वफादार हैं और उन्हें लालू यादव और तेजस्वी यादव से कोई मतलब नहीं है।

    दरअसल सीवान के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की निधन के बाद से ही आरजेडी में राजनीतिक सरगर्मी तेज है। शहाबुद्दीन के समर्थकों में लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया था। शहाबुद्दीन के समर्थक यह मानते हैं कि लालू यादव और उनके परिवार के लोगों ने शहाबुद्दीन को बचाने की कोशिश नहीं की। इतना ही नहीं शहाबुद्दीन के शव को दफनाने में लालू परिवार से कोई मदद भी नहीं मिली। यहां तक कि शहाबुद्दीन के शव को दिल्ली से सीवान नहीं लाया जा सका।

    मुस्लिम समुदाय के लोगों ने खुलकर आरजेडी को निशाने पर लिया। बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज ने तो आरजेडी से इस्तीफा ही दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि 5 किमी के दायरे में रहने के बावजूद लालू परिवार का कोई सदस्य शहाबुद्दीन से मिलने या उनका हालचाल जानने अस्पताल नहीं आया। इतना ही नहीं उनके अंतिम संस्कार तक में आरजेडी का कोई बड़ा नेता शामिल नही हुआ। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा अकेले ही हालात से निपटते रहे और अपने पिता के शव को बिहार ले जाने के लिए संघर्ष करते रहे।

    वहीं, जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने सीवान पहुंचकर शहाबुद्दीन के परिवार से मुलाकात की और परिवार के प्रति अपना दुख जाहिर किया। इतना ही नहीं, यूपी के गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी तक सीवान पहुंच गए। इतना ही मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी भी मुलाकात के लिए पहुंचे, लेकिन लालू परिवार से अब पहली बार तेजप्रताप यादव मिलने के लिए जा रहे हैं।

    शहाबुद्दीन के परिवार की ओर से किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जिस मुस्लिम समुदाय के आरजेडी नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है, वो लालू परिवार के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। लालू परिवार को इस बात का इल्म है कि शहाबुद्दीन का परिवार नाराज होता है तो, उनसे बहुत बड़ा मुस्लिम वोट बैंक खिसक सकता है। इस नाराजगी को दूर करने में अब आरजेडी की ओर से तमाम कवायद की जा रही है। लालू प्रसाद यादव ने खुद रविवार को वर्चुअल मीटिंग की शुरुआत शहाबुद्दीन को श्रद्धांजलि देने के साथ की तो वहीं, अब तेजप्रताप यादव अपने पिता लालू यादव का संदेश लेकर शहाबुद्दीन के परिवार से मिलने पहुंचे है।

    हालांकि, तेजप्रताप यादव बुधवार को ही शहाबुद्दीन के परिवार से मिलने प्रतापपुर जाने वाले थे, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि वहां के स्थानीय लोगों में लालू परिवार के खिलाफ ज्यादा गुस्सा है और इसी कारण से उन्होंने बुधवार को अपना दौरा रद्द कर दिया था और गुरुवार को पहुंचे है। ऐसे में देखना है कि शहाबुद्दीन के परिवार से मिलकर तेजप्रताप यादव किस तरह से डैमेज कन्ट्रोल करते हैं?

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