करेंट अफेयर्स भाग 14
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel) का केंद्र शासित प्रदेश के लोगों और राजनेताओं द्वारा हाल के दिनों में तैयार की गई नीतियों के कार विरोध किया जा रहा है।
नीतियां
1. Draft Lakshadweep Development Authority Regulation 2021 (LDAR)
लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण (LDA) को हाल ही में भूमि मालिकों को बेदखल करने जैसी व्यापक शक्तियों के साथ बनाया गया था। यह कानून LDAR को किसी भी क्षेत्र के लिए व्यापक विकास योजनाएं तैयार करने और लक्षद्वीप में रहने वाले लोगों को नगर नियोजन या किसी भी विकासात्मक गतिविधि के उद्देश्य से उनकी संपत्ति से हटाने या स्थानांतरित करने के लिए व्यापक शक्तियां प्रदान करता है।
2. Prevention of Anti-Social Activities Act (PASA)
यह अधिनियम जनवरी 2021 में पेश किया गया था। इसके अनुसार, व्यक्ति को बिना किसी सार्वजनिक प्रकटीकरण के एक वर्ष तक की अवधि के लिए हिरासत में रखा जा सकता है।
3. Draft Panchayat Notification
इस अधिसूचना के अनुसार, दो से अधिक बच्चों वाले सदस्य को सदस्य होने से अयोग्य घोषित किया जाता है।
प्रफुल खोड़ा पटेल (Praful Khoda Patel)
प्रफुल्ल खोड़ा पटेल एक राजनेता हैं, वे वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव और लक्षद्वीप के प्रशासक के रूप में पद संभाल रहे हैं। वे दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव के पहले प्रशासक हैं। उन्हें दिसंबर 2020 में लक्षद्वीप का प्रशासक बनाया गया था।
प्रशासक की नियुक्ति कौन करता है ?
प्रशासक की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। यह किसी भी केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण पद है क्योंकि क्षेत्र में सभी कार्यों को करने का कार्यभार प्रशासक के पास होता है। प्रशासक राष्ट्रपति की ओर से कार्य करता है।
असम के मुख्यमंत्री ने ‘Guardian Ministers’ की नियुक्ति की
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने राज्य में “Guardian Ministers” को नियुक्त किया है।
संरक्षक मंत्रियों (Guardian Ministers) के कार्य
संरक्षक मंत्री राज्य के सभी 34 जिलों में संतुलित, तेज और सतत विकास की देखरेख करेंगे।
वे जिलों में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा योजनाओं को लागू करने और सम्बंधित मुद्दों को हल करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
वे सरकार के नीतिगत फैसलों, प्रशासनिक सुधारों और जनता के लिए कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी भी करेंगे।
वे सामान्य रूप से और साथ ही आपातकालीन स्थितियों के दौरान नियत जिलों का अक्सर दौरा करेंगे।
वे सरकार को जिले के कल्याण और विकास के लिए नीतिगत फैसले भी सुझा सकते हैं।बाद में इस मामले पर राज्य मंत्रिमंडल विचार करेगा।
वे जिलों में सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए पुरस्कारों की सिफारिश करेंगे और जिला प्रशासन के साथ एक ‘विजन डॉक्यूमेंट’ तैयार करेंगे।
वे बुनियादी ढांचे के विकास की योजना भी बना सकते हैं और जिले में उपलब्ध संसाधनों का अध्ययन कर सकते हैं।
वे बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की योजना की देखरेख करेंगे।
अंत में, वे जिला विशिष्ट मामलों की सिफारिश करेंगे जहां बजट प्रावधान की आवश्यकता है।
जिलों का आवंटन
13 मंत्रियों में से आठ मंत्रियों को तीन-तीन जिले और पांच मंत्रियों को दो-दो जिले आवंटित किए गए हैं।
संरक्षक मंत्री (Guardian Minister) कौन है?
वह जिला योजना समिति (DPC) का पदेन अध्यक्ष होता है, जिसका गठन हर जिले में कानून के अनुसार किया जाता है। हालांकि, नियम में यह उल्लेख नहीं है कि डीपीसी का प्रमुख कौन होना चाहिए। इसका नेतृत्व प्रशासन के साथ-साथ निर्वाचित प्रतिनिधि भी कर सकते हैं।
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