आरबीआई का ऐलान,अब और नहीं छापेगा 2000 रूपए का नोट
भारतीय मुद्रा की गवर्निंग अथाॅरिटी रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया अब 2000 रूपए के नोट बाजार से वापस लेने की कवायद में जुट गया है। बहुत जल्द आपको मार्केट से 2000 के करेंसी नोट नहीं दिखेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अब दो हजार के नोट छपने बंद हो गए हैं। दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 2000 रुपये के नोटों को सिस्टम से धीरे- धीरे वापस लेना शुरू कर दिया है।
आरबीआई ने ऐलान किया है कि वित्त वर्ष 2021-2022 में 2000 रुपये के नए नोट नहीं छापे जाएंगे।
वैसे पिछले साल 2020-21 में भी आरबीआई ने 2000 रुपए के नए नोट नहीं छापे थे। आरबीआई ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। यह रिपोर्ट 26 मई 2021 को जारी की गई थी।
नोटबंदी के बाद भारत सरकार के निर्देशानुसार इस बड़ी करेंसी को बाजार में लाया गया था। ये नोट नोटबंदी (डीमोनेटाइजेशन) के ऐलान के बाद साल 2016 में 2000 रुपये का नोट लाया गया था, लेकिन बड़ी क़ीमत (वैल्यू्) का नोट होने की वजह से इसके फेंक करेंसी मार्केट में जाने का खतरा भी ज्यादा रहता है। अब आरबीआई की एनुअल रिपोर्ट में बताया गया है कि फिस्कल ईयर 2021 में कुल पेपर कैश 0.3 फीसदी घटकर 2,23,301 लाख यूनिट रह गया है। वैल्यू (कीमत) के रूप में देखें तो मार्च 2021 में 4.9 लाख करोड़ रुपये के 2000 के नोट सिस्टम (बाजार) में थे। जबकि मार्च वित्त वर्ष 2020 में इसकी वैल्यू 5.48 लाख करोड़ रुपये थी।
3 साल में 2000 के नोट प्रचलन में काफी कम हुए हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2018 में 2000 के सिस्टम में 336.3 करोड़ नोट मौजूद थे, लेकिन मार्च 31, 2021 में इनकी संख्या घटकर 245.1 करोड़ रह गई है। यानी इन तीन सालों में 91.2 करोड़ नोटों को सिस्टम (बाजार) से बाहर कर दिया गया है।
इसके साथ ही अब 500 रुपये के नोट अधिक चलन में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद कुल बैंक नोटों में 500 और 2,000 रुपये के नोटों का हिस्सा 85.7 प्रतिशत था। जबकि 31 मार्च, 2020 के अंत तक यह आंकड़ा 83.4 प्रतिशत था। इसमें भी मात्रा के हिसाब से 31 मार्च, 2021 तक चलन में मौजूद नोटों में 500 रुपए के नोट का हिस्सा सबसे ज्यादा 31.1 प्रतिशत था।
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