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    शासन ने 20 मई से दी है अनुमति, निजी स्कूल आज से शुरू कर रहे ऑनलाइन पढ़ाई

     बांसगांव संदेश,लखनऊ : शासन ने बेसिक शिक्षा को छोड़कर 20 मई से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति दी है, लेकिन निजी स्कूल संगठन 17 मई से ही ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने पर अड़े हैं। यही नहीं वह सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति मिले तभी वे 20 के बाद कक्षाएं शुरू करेंगे।
    निजी स्कूलों के संगठन अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने शासन के आदेश का विरोध करते हुए 17 मई से ही सभी कक्षाओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। संगठन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि शासन ने साफ तौर पर नहीं लिखा है कि किस कक्षा से पढ़ाई शुरू करनी है। आदेश में बेसिक शिक्षा को छोड़ कर बाकी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई की अनुमति दी है। ऐसे में यह माना जाए कि स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करा सकते हैं। स्कूल खोलना नहीं है और घर से ही शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने की मांग की जा रही है, ऐसे में शासन द्वारा आठवीं तक के छात्रों को अनुमति न देना समझ से परे है। जब कक्षा 9 से 12 तक के शिक्षक घर बैठे पढ़ा सकते हैं तो कक्षा 8 तक के शिक्षक क्यों नहीं पढ़ा सकते। इसका जवाब शासन के पास नहीं है। उन्होंने बताया कि निजी स्कूल शासन के इस आदेश का विरोध करते हैं और 17 मई से ही सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। 

    हालांकि, जिन स्कूलों ने अभी व्यवस्था नहीं की है वे बाद में शुरू कर सकते हैं। अनिल अग्रवाल ने बताया कि शासन पहले ही वर्क फ्रॉम होम का आदेश दे चुका है। ऐसे में यदि शिक्षक पढ़ा नहीं सकता तो वह कौन सा कार्य करे, इसका भी उल्लेख शासनादेश में करना चाहिए था। छात्र और अभिभावक भी लगातार सवाल कर रहे हैं कि पढ़ाई कब शुरू होगी। छात्र हित को देखते हुए सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं।

    अभिभावक संघ ने किया निजी स्कूलों के निर्णय का विरोध
    इधर, अभिभावक संघ ने निजी स्कूलों के निर्णय का विरोध किया है। लखनऊ अभिभावक विचार परिषद के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन ने 20 मई से कक्षा 9 से 12 तक की ऑनलाइन पढ़ाई का आदेश दिया है, लेकिन निजी स्कूल संगठन 17 मई से सभी कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई पर अड़ा है। निजी स्कूल संगठन खुद को शासन से ऊपर समझ रहा है। अभिभावक संघ स्कूलों के निर्णय का विरोध करता है।

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