*आज लांच होगी कोरोना की 2DG दवा,देश के रक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री करेंगे लॉन्च*
Medicine कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से पूरा देश कराह रहा है। ऐसे में देश वासियों को ऐसी ‘संजीवनी’ का इंतजार है जो इस बीमारी को नियंत्रित कर सके। ऐसे में उम्मीद की बड़ी किरण बनकर सामने आया है रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) जो न सिर्फ देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जुटा है, बल्कि कोरोना महामारी के दौर में भी निरंतर हरसंभव मदद के प्रयासों में जुटा है। ऐसे समय में जब इसकी वैक्सीन की मांग काफी बढ़ गई हो और आपूर्ति बहुत कम हो, किसी ऐसी दवा की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है, जो प्रतिदिन कोरोना के बढ़ रहे ग्राफ को तेजी से नीचे ला सके और लाखों देशवासियों की जान बचाई जा सके।
इस नई दवा के परीक्षण में जो नतीजे सामने आए हैं, उन्हें देखते हुए माना जा रहा है कि डीआरडीओ की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आइएनएमएएस) द्वारा विकसित की गई 2-डीजी दवा कोरोना के इलाज में गेमचेंजर साबित हो सकती है। दावा किया गया है कि इस दवा के इस्तेमाल से मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं। दवा नियामक ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआइ) द्वारा डीआरडीओ की बनाई हुई कोरोना की नई दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है।
रक्षा मंत्रालय का इस दवा के संबंध में कहना है कि 2-डीजी के साथ जिन मरीजों का इलाज हुआ, उनमें से अधिकांश की आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई और उनमें तेजी से रोग के लक्षणों में कमी देखी गई। मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा का अब कोरोना के गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह दवा पाउडर के रूप में एक पैकेट में आती है, जिसे पानी में घोलकर मरीज को दिया जाता है। परीक्षण में डीआरडीओ की इस दवा के काफी अच्छे नतीजे सामने आए हैं और इसके क्लीनिकल ट्रायल सफल साबित हुए हैं। यही नहीं इस दवा से ऐसे मरीजों की आक्सीजन पर निर्भरता भी कम हो गई। डीआरडीओ के विज्ञानियों के अनुसार यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों को तेजी से ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त आक्सीजन की निर्भरता को भी कम करती है। इसकी पुष्टि दवा के तीसरे चरण के ट्रायल में हुई है, जिसके अच्छे नतीजे आए हैं, उसी के बाद इसके इस्तेमाल की स्वीकृति दी गई है।
इसे विकसित करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक वायरस कोशिका से चिपकी इस दवा को ग्लूकोज समझकर खाने की कोशिश करेगा, लेकिन चूंकि यह कोई ग्लूकोज नहीं है, इसलिए इस दवा को खाने से कोरोना वायरस की मौत हो जाएगी और मरीज ठीक होने लगेगा, यही इस दवाई का मूल सिद्धांत है। इस दवा से आक्सीजन की शरीर में कमी नहीं होगी और जिन मरीजों को आक्सीजन की जरूरत है, उन्हें भी इस दवा को देने के बाद संक्रमण की आशंका कम होगी। अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच इस दवा के तीन चरण के क्लीनिकल ट्रायल हो चुके हैं और इनके काफी सुखद परिणाम सामने आए हैं। दवा के पहले चरण का ट्रायल अप्रैल-मई 2020 में पूरा हुआ था, जिसमें लैब में ही दवा पर परीक्षण किए गए थे।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को डीसीजीआइ की मंजूरी के बाद दूसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल मई 2020 से अक्टूबर 2020 के बीच हुए और क्लीनिकल ट्रायल में देशभर के 11 विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कुल 110 मरीजों को शामिल किया गया। बहरहाल डीजीसीआइ के मुताबिक 2-डीजी दवा के प्रयोग से कोरोना वायरस के ग्रोथ पर प्रभावी नियंत्रण से अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य में तेजी से रिकवरी हुई है। चूंकि रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस दवा का उत्पादन बहुत जल्द और भारी मात्रा में देश में ही किया जाना संभव है, इसलिए कोरोना संक्रमितों के इलाज में दवा की कमी की कोई समस्या आने की संभावना नहीं रहेगी, इससे कोरोना के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। डीआरडीओ की कोशिश है कि यह दवा देश के प्रत्येक नागरिक को और हर स्थान पर आसानी से उपलब्ध हो सके।इसके लिए आज सरकार द्वारा इस 2DG दवा को रक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री इसे लॉन्च करेंगे। उम्मीद है कि यह गेमचेंजर दवा लागत मूल्य पर ही कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बाजार में उपलब्ध हो जाएगी।
*2DG (2-Deoxy – D – Glucose) क्या है?*
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) ने हाल ही में COVID-19 के इलाज के लिए एक मौखिक दवा (oral drug) को मंजूरी दी है जिसे 2-DG कहा जाता है। 2-डीजी को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (Defence Research Development Organisation) द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए विकसित किया गया है। 2-DG का अर्थ 2-Deoxy – D – Glucose है। इसे डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (Dr Reddy’s Laboratories) के सहयोग से विकसित किया गया है। इस दवा का पहला बैच आज प्रातः 10.30am पर लांच होने वाला है।इस दवा को भारत के रक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री लांच करेंगे।
*2-DG दवा*
यह दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों की तेजी से रिकवरी सुनिश्चित करती है और नैदानिक परीक्षणों के दौरान पूरक ऑक्सीजन निर्भरता (supplemental oxygen dependence) को कम करेगी।
यह संक्रमित कोशिकाओं में जमा हो जाती है और वायरल संश्लेषण को रोकती है।
दवा पाउच रूप में आती है। पानी में घोलकर इसका सेवन मौखिक रूप से किया जाता है।
इसे इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) द्वारा विकसित किया गया था। INMAS DRDO के तहत संचालित होने वाली एक प्रयोगशाला है।
कोविड-19 के गंभीर रोगियों के लिए DGCI ने इस दवा के आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी है।
2-डीजी एक जेनेरिक मॉलिक्यूल है और इस प्रकार आसानी से देश में प्रचुर मात्रा में निर्मित व उपलब्ध कराया जा सकता है।
ट्यूमर के लिए 2-DG
कैंसर की कोशिकाओं में ग्लूकोज अधिक होता है। इस प्रकार, जब 2-डीजी को कैंसर रोगियों में इंजेक्ट किया जाता है, तो यह कैंसर कोशिकाओं के लिए एक अच्छे मार्कर के रूप में कार्य करती है।
[स्वतंत्र पत्रकार]
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