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    बांसगांव सन्देश की पड़ताल, बेहाल है 30 बेड का अस्पताल

    बनकटा, देवरिया। बांसगांव सन्देश। विकास खण्ड के भुडवार गांव में स्थित 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वर्षों से दुर्व्यवस्था का शिकार है।वैसे तो कहने के लिए ये अस्पताल क्षेत्र का सबसे बड़ा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन यहां समस्याएं भी बड़ी बड़ी है।मानक के अनुसार अस्पताल मै छ: चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए। क्षेत्रीय लोगों के काफी प्रयास के बाद अस्पताल में एक चिकित्सक कि तैनाती हुई लेकिन तैनात डाक्टर भी अक्सर अस्पताल से गायब रहते है।वर्षों से इतना बड़ा अस्पताल सिर्फ एक फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है।अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए न तो किसी महिला चिकित्सक की तैनाती है और ना ही एक भी स्टाफ नर्स की जबकि प्रति दिन औसतन पांच से दस प्रसव सिर्फ दाई की देखरेख में होते है।ऐसे में प्रसव के दौरान विषम परिस्थितियों में खतरा होने की संभावना बनी रहती है।इतने बड़े अस्पताल में रात्रि सेवा के लिए कोई जिम्मेदार चिकित्सक रात्रिविश्राम नहीं करता है जिससे आपात की स्थिति में क्षेत्र के मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।आपात की स्थिति में अस्पताल में किसी चिकित्सक के उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को मजबूरन निजी चिकित्सालय तथा पचास किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिला चिकित्सालय का सहारा लेना पड़ता है।कई बार तो जिला अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में ही दुर्घटना हो जाती है। भूड़ वार में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेडों की संख्या के लिहाज से क्षेत्र का सबसे बड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है।इतने बड़े स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक के नहीं बैठने के चलते क्षेत्र के लोगों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निजी अस्पताल अथवा जिला अस्पताल का रुख करना पड़ता है। स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी जीवन रक्षक दवाइयां तथा मरीजों के जांच के लिए आवश्यक उपकरण जैसे- एक्सरे,ईसीजी,अल्ट्रासाउंड,ऑक्सिजन, एंटी रैविज,सर्पदंश तथा प्रसव के दौरान उपयोग में आने वाली दवाइयों का भी भारी आभाव है।मरीजों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था तथा पिने के लिए स्वच्छ जल की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।स्वास्थ्य केंद्र में एक ओवर हेड पानी की टंकी बनी है जो समय समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण काफी लंबे समय से खराब है।स्वास्थ्य केंद्र के भवन की दशा भी दयनीय हो गई है।स्वास्थ्यकर्मियों के रहने के लिए बने कमरों की दीवार तथा फर्स जर्जर हो चुके है।रात्रि में प्रकाश के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है जिससे रात में बिजली नहीं रहने की दशा में अस्पताल परिसर में चारो ओर अंधेरा छाया रहता है।बड़ी समस्या तो रात में प्रसव के लिए आए मरीजों के लिए होती है। अस्पताल परिसर में जल जमाव तथा गंदगी का भरमार है।जल जमाव के कारण अस्पताल परिसर में मच्छरों का प्रकोप है।
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    क्या कहते है लोग
    1-क्षेत्र के बंजरिया गांव के रहने वाले अश्विनी पांडेय कहते है की एक महीने पहले रात को ग्यारह बजे मेरी पत्नी के पेट में दर्द होने लगा आननफानन में मै अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल गया लेकिन वहा कोई चिकित्सक नहीं था।मजबूरन मुझे अपनी पत्नी का इलाज एक निजी चिकित्सक से करवाना पड़ा।
    2- बनकटा के रहने वाले रविकांत पांडेय कहते है कि जब भी मै सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भूदवार में इलाज के जाता हूं तो वहा सिर्फ एक फार्मासिस्ट मिलते है जो मरीजों को दवाइयां लिखते है।मरीजों के जांच के लिए लैब तो बना है लेकिन कोई जांच नहीं होता है।
    3- इंगुरी सराय के रहने वाले एमडी आज़ाद बताते है कि एक दिन मुझे दांत में दर्द होने लगा। फौरन मै भूड़वार अस्पताल गया।लेकिन वहा कोई चिकित्सक नहीं मिला।मै अपना इलाज सलेमपुर में एक निजी चिकित्सक से करवाया।
    4- स्थानीय निवासी देवानंद प्रसाद कहते है की अस्पताल परिसर में चारो तरफ गंदगी फैला हुआ है।मरीजों के इलाज के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है।आए दिन मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
    इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ मनीष सिंह ने बताया कि समस्या के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है जल्द ही समस्या का समाधान होगा साथ ही मुख्य चिकित्साधिकारी देवरिया डा०आलोक पाण्डेय से सम्पर्क फोन द्बारा कोशिश की गई लेकिन फोन नहीं उठाया गया।

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