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    कोवैक्सीन के डोज में दिख रहा घपला, 4 करोड़ डोज का नही चल रहा पता


    नई दिल्ली। बांसगाव संदेश। रणधीर कुमार 


    भारत में वैक्सीन सप्लाई की धीमी रफ्तार जारी है। ऐसे में हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक में तैयार हुई कोवैक्सीन की उपलब्धता सवालों के घेरे में आ रही है। कहा जा रहा है कि कोवैक्सीन के करीब 4 करोड़ डोज का हिसाब सही नजर नहीं आ रहा है।देश में रोज लग रही वैक्सीन और उत्पादन के आंकड़े मेल नहीं खा रहे हैं।
    आधिकारिक डेटा बताता है कि कल सुबह तक कोवैक्सीन के करीब 2.1 करोड़ वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। जबकि, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश में अभी भी 6 करोड़ से ज्यादा डोज मौजूद हैं। इनमें वैक्सीन निर्यात के आंकड़े भी शामिल हैं। भारत बायोटेक ने 20 अप्रैल को कहा था कि मार्च में 1.5 डोज तैयार हुए और अप्रैल के अंत तक महीने में 2 करोड़ डोज का निर्माण किया गया था। कंपनी के सीएमडी कृष्णा ऐल्ला ने बताया था कि मई का उत्पादन 3 करोड़ होगा।
    अगर माना जाए कि उत्पादन उम्मीद के अनुसार उत्पादन नहीं हुआ, तो फिर भी इसका मतलब है कि मई के अंत तक 5.5 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे। केंद्र ने भी अलग-अलग 2 हलफनामे में बताया था कि कोवैक्सीन का एक महीने का उत्पादन 2 करोड़ डोज है। इनमें से एक ऐफिडेविट 24 मई को हाईकोर्ट में दाखिल हुआ था। 5 जनवरी को वैक्सीन कार्यक्रम शुरू होने से पहले ऐल्ला ने कहा था कि कंपनी ने वैक्सीन को 2 करोड़ डोज का स्टॉक किया है। इसे मिलाकर आंकड़ा 7.5 करोड़ डोज पर पहुंचता है।
    अगर इसमें जनवरी और फरवरी के भी उत्पादन को मिलाएं, तो आंकड़ा 8 करोड़ डोज के आसपास बैठता है। मार्च-अप्रैल की तुलना में उस दौरान उत्पादन कम हुआ था। अब इनमें से कुछ डोज वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत देश के बाहर भी भेजे गए हैं, लेकिन भारत ने कुल 6.6 करोड़ डोज विदेश भेजे हैं। इनमें से भी ज्यादातर कोविशील्ड हैं। अगर हम मानें कि इनमें से 2 करोड़ डोज कोवैक्सीन के थे, तो देश में इस समय उपयोग के लिए 6 करोड़ डोज उपलब्ध होने चाहिए। इसके चलते 4 करोड़ डोज की कमी सामने आती है।

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